देहरादून- 2 अक्टूबर को प्रदेश के इन जिलों के ग्रामीणों को पीएम मोदी देंगे ये खास तोहफा, शुरु हुआ सर्वे

दो अक्टूबर को उत्तराखंड में करीब 30 ग्राम पंचायतों में रह रहे लोगों को प्रधानमंत्री स्वामित्व कार्ड उपलब्ध हो सकते हैं। राजस्व और पंचायत विभाग के साथ ही सर्वे ऑफ इंडिया इस काम में जुटा हुआ है। स्वामित्व कार्ड मिलने पर इन गांवों के लोग शहरों की तरह मकान, दुकान आदि की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। 24 अप्रैल
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देहरादून- 2 अक्टूबर को प्रदेश के इन जिलों के ग्रामीणों को पीएम मोदी देंगे ये खास तोहफा, शुरु हुआ सर्वे

दो अक्टूबर को उत्तराखंड में करीब 30 ग्राम पंचायतों में रह रहे लोगों को प्रधानमंत्री स्वामित्व कार्ड उपलब्ध हो सकते हैं। राजस्व और पंचायत विभाग के साथ ही सर्वे ऑफ इंडिया इस काम में जुटा हुआ है। स्वामित्व कार्ड मिलने पर इन गांवों के लोग शहरों की तरह मकान, दुकान आदि की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्वामित्व योजना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि गांव के लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक इस योजना के तहत दिलाया जाएगा। उत्तराखंड में अल्मोड़ा, पौड़ी और ऊधमसिंह नगर में इस योजना को शुरू किया गया है।

देहरादून- 2 अक्टूबर को प्रदेश के इन जिलों के ग्रामीणों को पीएम मोदी देंगे ये खास तोहफा, शुरु हुआ सर्वे

केन्द्र ने जारी किए दिशा-निर्देश

राजस्व विभाग के मुताबिक सर्वे ऑफ इंडिया ने इन तीनों जिलों में काम भी शुरू कर दिया है। इन तीनों जिलों की करीब तीस ग्राम पंचायतों के लोगों को स्वामित्व कार्ड भी उपलब्ध कराया जाना है। विभाग के मुताबिक केंद्र की ओर से इसके लिए दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। योजना यह है कि दो अक्टूबर को पीएम मोदी इन गांववासियों को स्वामित्व कार्ड उपलब्ध कराएं। सचिव राजस्व सुशील कुमार के मुताबिक स्वामित्व कार्ड में ग्राम पंचायत में रह रहे व्यक्ति की प्रत्येक संपत्ति का ब्योरा दर्ज होगा। ऐसे में संबंधित व्यक्ति को बैंक से इस कार्ड के आधार पर लोन भी मिल सकेगा।

योजना में सर्वे ऑफ इंडिया भी शामिल

योजना को लेकर विभागों की भाग दौड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शासन के स्तर पर सप्ताह में दो बार इस योजना की समीक्षा हो रही है। इस योजना में राजस्व और पंचायत के साथ ही सर्वे ऑफ इंडिया भी शामिल है। लिहाजा, समन्वय बनाने पर खासा जोर दिया जा रहा है। पहाड़ों में इस योजना को तैयार करने में सर्वे ऑफ इंडिया को खासी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। पहाड़ में गांव अलग-अलग ऊंचाई पर बने हुए हैं। ऐसे में ड्रोन को उड़ाना और फोटोग्राफी करना भी खासा चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।

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