प्रकृति की हर खूबसूरती को समेटे हुए है लेह-लद्दाख, सैलानियों की सबसे पसंदीदा जगह, जानिए क्या है यहां पर खास
इंडस नदी के किनारे पर बसा ‘लद्दाख’ , जम्मू -कश्मीर राज्य का एक प्रसिद्ध पर्यटन-स्थल है। लद्दाख अपने रहस्यमम परिदृश्य के लिए जाना जाता है, जिसमें बर्फ से ढके पहाड़, जमे हुए झीलों और सुंदर-सुंदरता की विशेषता है जो लद्दाख में प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में भी काम करते हैं। क्रिस्टल नीले पानी और एक खूबसूरत पृष्ठभूमि के साथ, पांगोंग झील लद्दाख में जाने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। यहां के लोग मुस्कान के साथ पर्यटकों का आह्वान और स्वागत करते हैं। अपनी निज की भावना, पहनावा, सरलता, ईमानदारी, मेहनत और वीरता के लिए लद्दाख जग-प्रसिद्ध है।
नदियां और खूबसूरती कुदरत की कारीगरी
चारो तरफ ऊंची-ऊंची पर्वत मेखलाओं से घिरा और सौंदर्य से भरा लद्दाख, बर्फीली घाटियों से ढंके पहाड़, बीच-बीच में हरियाली चुनर, भूरे बंजर पत्थरों की विशाल पर्वत श्रृंखलाएं, पर्वतों के बीच बेहद खूबसूरत घाटियां, कल-कल बहते पहाड़ी झरने, बहते पानी की कही साफ, कही मटमैली धाराएं, नदियां, खूबसूरत झील और कुदरत की खूबसूरत कारीगरी। यह दिलकश नजारा है लेह-लद्दाख (Leh Ladakh) का। अपने आंचल में प्रकृति की हर खूबसूरती को समेटे लेह-लद्दाख देश और विदेशी सैलानियों की सबसे पसंदीदा जगह हैं। इंडस नदी के किनारे कराकोरम और हिमालय की श्रृंखला के बीच स्थित है, चाँद का देश और बर्फीला रेगिस्तान कहलाने वाला लद्दाख और उसका खूबसूरत शहर लेह।
यह भी पढ़ें-‘औली’- भारत का स्विट्रलैंड ! मन को सकून देता है यहां का वातावरण , बर्फबारी का आनंद लेना है तो चले आइए औली
यह भी पढ़ें-ये हैं दुनिया के सबसे छोटे देश, क्षेत्रफल इतना छोटा कि आप पैदल ही घूम सकते हैं पूरा देश…!
लेह और लद्दाख – Jammu-Kasmir tourist destination leh-laddakh
लेह और लद्दाख वैसे एक ही स्थान का नाम है। लद्दाख क्षेत्र को कहा जाता है, जबकि लेह एक शहर है। खोज ढूंढ़ करने पर आप पुराने लद्दाख के राजमहल तक पहुंच सकते हैं जो लेह से 8 किमी. दक्षिण-पश्चिम में स्टॉक पैलेस के नाम से प्रसिद्ध है। यहां पर 15वीं सदी के लद्दाखी राजा व रानी के अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र, बर्तन व जेवर इत्यादि सुरक्षित हैं। यहां हर साल मेला भी लगता है।
लद्दाख और उसके आस-पास के पर्यटन स्थल
बौद्ध धर्म इस क्षेत्र का प्रमुख धर्म है, मठ या गोम्पा, लद्दाख के आकर्षणों की सूची में प्रमुख विशेषता रखते हैं। हेमिस मठ, शंकर गोम्पा, माथो मठ, शे गोम्पा, स्पितुक मठ, और स्तकना मठ जैसे कुछ मठ इस क्षेत्र के सबसे उल्लेखनीय मठों में से हैं। इसके अलावा, हिक्से मठ और समो मठ भी एक बार देखने के लायक हैं।
ऊंट पर सवारी
यहाँ आकर आप कुदरती नजारों के साथ सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी के मस्जिद और बौद्ध स्मारक, दोहरी कूबड़ वाले ऊंटों पर सवारी, लजीज खाना, नामग्याल डायनेस्टी का राजा सेंग्गे नामग्याल का नौ मंजिल का महल, लद्दाखी लोगों का भोलापन पर मेहमान नवाजी के साथ उनकी निष्कपटता, ईमानदारी व सहयोगी रवैया, फौजियों का जज्बा, देशभक्ति एक साथ अनुभव कर सकते हैं।
लजीज मुगलई व्यंजन और पर्यटन
यात्रा की कुछ जानकारियाँ इस क्षेत्र के ऊबड़-खाबड़, बीहड़ जैसे भूभाग के कारण, पर्यटकों को अपने साथ वाहन के अतिरिक्त पार्ट्स रख कर चलने की सलाह दी जाती है, यह किसी भी आपात स्थिति में मददगार साबित हो सकता है। पूरे क्षेत्र में विभिन्न रेस्तरां और होटल, थुपका या सूप नूडल्स और मोमो या पकौड़ी की सेवा पेश करते हैं।
पर्यटक तिब्बती गहने, ऊनी कपड़े और हाथ से या मशीन से बुने कालीन खरीद सकते हैं। ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग,राफ्टिंग, पर्वतारोहण जैसे एडवेंचर भी आपको यहाँ मिल सकते है। लेह का मौसम मार्च से जून तक गर्मी वाला है जो यहां आने का सबसे उचित समय होता है। बर्फ पिघल रही होती है और कुदरत इस समय अपने सबसे चरम सौंदर्य को लेह-लद्दाख पर लुटा रही होती है।
सेब खुबानी एवं अखरोट : ग्रीष्म ऋतु में सेब खुबानी एवं अखरोट जैसे पेड़ और उन पर पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां नजर आती हैं, इनमें रॉबिन, रेड स्टार्ट तिब्बती स्नोकोक, रेवेन यहां पाए जाने वाले सामान्य पक्षी है।
पेगांग लेक : लेह से पेंगाग करीब 150 किमी दूर है 7 नीले-फिरोजी से रंग की खूबसूरत पेंगाग झील मनमोह लेती है। विश्व में सबसे अधिक उंचाई पर स्थित खारे पानी की झील है।
लेह शे महल : इसे ‘लदाखी राजाओं का गर्मी का इलाका’ भी कहते हैं और यह अपने विशाल बुद्ध की मूर्ती के लिए मशहूर है।
खुरदंग ला टॉप-18,300 फुट की ऊंचाई पर नुब्रा वेली के रस्ते में है। दुनिया की सबसे ऊंची सडक़।
नामग्याल डायनेस्टी का राजा सेंग्गे नामग्याल का नौ मंजिल का महल
सिंधु नदी व झंस्कार नदी का संगम : दो अलग-अलग नदियों का पानी मिल रहा था, पर एक नहीं हो रहा था। अद्भुत नजारा।
‘हाल ऑफ फेम’ -सीमा पर शहीद हुए हमारे जवानों की याद दिलाता है।
शांति स्तूप- जापानी मोंक द्वारा विश्व शांति हेतु बनाया गया शांति का प्रतीक है।
हिम तेन्दुआ : दुनिया भर के 7000 हिम तेन्दुओ में से 200 हिम तेन्दुओ का घर लद्दाख है इसकी वजह से वाइल्ड फोटोग्राफर अक्सर यहा हिम तेन्दुओ की तस्वीर लेने के लिए घूमते दिखाई देते है।
लद्दाख की यात्रा का सबसे अच्छा समय
पर्यटक, मई से सितम्बर के बीच किसी भी समय लद्दाख यात्रा की योजना बना सकते हैं। इस समय यहाँ का मौसम खुशनुमा होता है और तापमान 33डिग्री सेंटीग्रेट से ज्यादा नहीं हो पाता है। इस क्षेत्र में भ्रमण के लिए पर्यटक टैक्सी या बाइक किराय पर ले सकते हैं। सामान्यत: लोग स्वयं के वाहन से इस स्थान की यात्रा करना पसंद करते हैं, जो कि ज्यादा सुविधाजनक होता है।
कैसे पहुंचे लेह-लद्दाख
लद्दाख तक जम्मू और श्रीनगर से सडक़ मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। मनाली से लद्दाख, ‘रोहतांग पास’ द्वारा, जो कि जुलाई और सितम्बर के बीच खुला रहता है, और श्रीनगर से लद्दाख, ‘जोज़ीला पास’ द्वारा जो कि जून से अक्टूबर के बीच खुला रहता है। ये दो सडक़ मार्ग तीन शहरों को जोड़ते हैं। जम्मू व कश्मीर राज्य सडक़ परिवहन निगम या जेकेएसआरटीसी और हिमाचल सडक़ परिवहन निगम या एच्आरटीसी, लद्दाख के लिए बस की सुविधा प्रदान करते हैं. यात्री किराए की टैक्सियों या जीप के द्वारा भी इस जगह की यात्रा कर सकते हैं।
ट्रेन : लद्दाख में कोइ रेलवे स्टेशन नहीं है। लेह के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ‘जम्मू तवी’ रेलवे स्टेशन है। जो कि लद्दाख से 680 किमी की दूरी पर स्थित है। जम्मू रेलवे स्टेशन, देश के दूसरे बड़े शहरों से जैसे नई दिल्ली, मुंबई, पुणे, चेन्नई आदि की तरह कुछ और भी नाम हैं, से भली प्रकार जुड़ा हुआ है।
हवाई यात्रा : लद्दाख हवाई अड्डा, गंतव्य तक पहुँचने के लिए सबसे निकटवर्ती एयर बेस है जो राज्य के सभी महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है। हालाँकि जम्मू हवाई अड्डा, जम्मू और कश्मीर का प्रमुख एयर बेस है जो देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जैसे नई दिल्ली, मुंबई, पुणे, चेन्नई आदि की तरह कुछ और भी नाम हैं। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली, लद्दाख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसी तरह जोड़ता है।