केंद्र सरकार अब खेती-किसानी से जुड़ी हर योजना की जानकारी किसानों के मोबाइल पर पहुंचाएगी

खेती-किसानी – केंद्र सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन उसकी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पातीं। लेकिन मोदी सरकार के लिए अब किसानों तक खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं की जानकारी पहुंचाना काफी आसान हो गया र्है। सरकार इस समय करीब आठ करोड़ किसानों से सीधे संपर्क स्थापित कर सकती है। ऐसा संभव
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केंद्र सरकार अब खेती-किसानी से जुड़ी हर योजना की जानकारी किसानों के मोबाइल पर पहुंचाएगी

खेती-किसानी – केंद्र सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन उसकी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पातीं। लेकिन मोदी सरकार के लिए अब किसानों तक खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं की जानकारी पहुंचाना काफी आसान हो गया र्है। सरकार इस समय करीब आठ करोड़ किसानों से सीधे संपर्क स्थापित कर सकती है। ऐसा संभव हुआ है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम से इससे किसान कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी। वरना जिलों में तैनात कृषि अधिकारी कृषकों तक स्कीमों की जानकारी नहीं पहुंचाते र्थे। सब कुछ फाइलों में दबा रह जाता था।

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केंद्र सरकार अब खेती-किसानी से जुड़ी हर योजना की जानकारी किसानों के मोबाइल पर पहुंचाएगी

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केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजबीर सिंह के मुताबिक ‘पीएम किसान सम्मान निधि में हमारे पास करीब 8 करोड़ किसानों का डाटाबेस आ चुका है। उनका डाटाबेस इसमें मान्य है। किसानों को इसमें अलग से डाटाबेस नहीं देना पड़ेगा।’ मतलब साफ है कि सरकार के लिए किसानों तक अपनी बात पहुंचाना काफी आसान हो गया है। इसीलिए जिन लोगों का पीएम-किसान स्कीम में रजिस्ट्रेशन है उनकी पेंशन स्कीम का प्रीमियम किसान सम्मान निधि के पैसे में से कट जाएगा। यानी उस किसान को पैसा नहीं देना होगा। न तो उससे कोई दस्तावेज लिया जाएगा, सिर्फ आधार कार्ड को छोडक़र।

विवाद के समाधान की जिम्मेदारी एलआईसी की

हालांकि, इसकी सहमति के लिए किसान को एक पत्र देना होगा, ताकि प्रीमियम की रकम उसके अकाउंट में आने वाली किसान सम्मान निधि के तहत मिली रकम में से कट जाए। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक पीएम-किसान स्कीम के तहत किसान से संबंधित सभी दस्तावेजों की पुष्टि करने की जिम्मेदारी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की होगी। यदि संबंधित किसान द्वारा उसके खातों में जमा रकम पर बाद में कोई विवाद खड़ा किया जाता है तो उसका समाधान करने का काम एलआईसी (LIC) का होगा।

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किसान पेंशन के लिए अपात्र हो जाए तो…?

यदि कोई लाभार्थी पीएम-किसान मानधन योजना के तहत पेंशन के लिए अपात्र हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी उसका पेंशन खाता सक्रिय रहेगा, लेकिन सरकार अपनी ओर से दिए जाने वाले अंशदान (50 प्रतिशत) को रोक देगी। यदि लाभार्थी अंशदान की पूरी रकम देने के लिए तैयार है तो उस खाते को चलाने की अनुमति दी जाएगी। 60 वर्ष की उम्र पूरा होने पर उसे सेविंग अकाउंट के ब्याज सहित अपना अंशदान वापस लेने की अनुमति होगी।