हल्द्वानी-अस्पताल के आगे महिला ने टैम्पों में जना बच्चा, नहीं पसीजा अस्पताल कर्मचारियों का दिल

हल्द्वानी-अमृतपुर की घटना के बाद जिले में एक और महिला ने टैम्पों में बच्चे को जन्म दिया। अमृतपुर में ठेकेदार पर रास्ता रोकने का आरोप था तो रामनगर में अस्पताल का स्टाफ मरीज को लेने बाहर हीं नहीं निकला। घटना रामनगर में पीपीपी मोड पर चले रहे अस्पताल की लापरवाही की है। अस्पताल स्टाफ की
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हल्द्वानी-अस्पताल के आगे महिला ने टैम्पों में जना बच्चा, नहीं पसीजा अस्पताल कर्मचारियों का दिल

हल्द्वानी-अमृतपुर की घटना के बाद जिले में एक और महिला ने टैम्पों में बच्चे को जन्म दिया। अमृतपुर में ठेकेदार पर रास्ता रोकने का आरोप था तो रामनगर में अस्पताल का स्टाफ मरीज को लेने बाहर हीं नहीं निकला। घटना रामनगर में पीपीपी मोड पर चले रहे अस्पताल की लापरवाही की है। अस्पताल स्टाफ की लापरवाही से गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराहती रही। पर उसके पति की अस्पताल प्रशासन और स्टाफ ने एक नहीं सुनीं। महिला ने टैम्पों में ही बच्चे को जन्म दिया। फिलहाल बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है।

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रामनगर के गुलरघट्टी निवासी मो. शकील की 27 साल की गर्भवती पत्नी को सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। जिसके बाद परिवार उसे टैम्पों से पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे रामनगर अस्पताल में ले गया। सुबह 10 बजे के करीब जब परिजन पीडि़ता के साथ हॉस्पिटल के गेट पर पहुंचे तो उन्होंने अस्पताल के स्टाफ को बुलाया। महिला के परिवारजनों का आरोप है कि अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टर कोई भी महिला को देखने नहीं आया।

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करीब 10 मिनट बाद महिला ने टैम्पों में ही बच्चे को जन्म दे दिया। जिसके बाद मौके पर भीड़ एकत्र हो गई। आनन-फानन में दबाव में आकर अस्पताल ने जच्चा.बच्चा को भर्ती कराया। महिला के पति शकील ने बताया कि बेटे का जन्म छह महीने में हुआ है। जिसके कारण वह परिपक्व नहीं है। बहरहाल उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे रेफर कर दिया गया है। सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी और पीपीपी अस्पताल के मैनेजर डॉ राकेश वाटर ने मामले को जल्द ही संज्ञान में लेने की बात कही। दोनों ने मामले की जांच की बात कही।