हल्द्वानी- मुखानी में डॉक्टर से हुई ठगी का खुलासा, 35 साल से यूपी पुलिस की वर्दी पहनकर ऐसे करता था ठगी

हल्द्वानी-विगत दिवस ऊंचापुल निवासी डा. प्रमोद चन्द्र गुरूरानी पुत्र जगदीश चन्द्र गुरूरानी को सम्मोहित कर बाइक सवार दो बदमाशों ने ठगी की थी जिसके बाद दोनों फरार हो गये। ठगी की सूचना पीडि़त प्रमोद चन्द्र गुरुरानी निवासी जगत मंगला कालौनी ऊंचा पुल मुखानी में थी। पीडि़त का कहना था कि वह अपने घर के बाहर
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हल्द्वानी- मुखानी में डॉक्टर से हुई ठगी का खुलासा, 35 साल से यूपी पुलिस की वर्दी पहनकर ऐसे करता था ठगी

हल्द्वानी-विगत दिवस ऊंचापुल निवासी डा. प्रमोद चन्द्र गुरूरानी पुत्र जगदीश चन्द्र गुरूरानी को सम्मोहित कर बाइक सवार दो बदमाशों ने ठगी की थी जिसके बाद दोनों फरार हो गये। ठगी की सूचना पीडि़त प्रमोद चन्द्र गुरुरानी निवासी जगत मंगला कालौनी ऊंचा पुल मुखानी में थी। पीडि़त का कहना था कि वह अपने घर के बाहर टहल रहे थे कि बाइक पर सवार दो लोग आये और पैर छूकर उन्हेें सम्मोहित कर दिय। इसके बाद दोनों ने उनसे गले की चैन व अंगूठी बहुत अच्छी लगने की बात कही और अपने बेटे की शादी के लिए बनवाने की बात कही। बातों-बातों में वह फोटो खींचने के बहाने अंगूठी और चैन लेकर भाग गये। तहरीर के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई।

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पुलिस ने पीडि़त द्वारा बतायी गई बाइक की निशानदेही की। ठगों की बाइक पर पुलिस का कलर लगा था। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए एक टीम गठित की। घटना स्थल के आसपास करीब 90 सीसीटीवी कैमरे चैक किये गये जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सीमाओं पर पुलिस से फोटो शेयर की। इसकी में पुलिस के हाथ एक सुराग लग गया। मुखबिर ने दोनों अभियुक्तों को पहचान लिया।

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बताया जा रहा है कि दोनों ठग हैड़ाखान मंदिर के पास मुख्य सडक़ पर एक अन्य घटना को अंजाम देने वाले थे, इससे पहले उन्हें गिरफ्तार कर लिया। चेकिंग में उनके पास से चैन व अंगूठी बरामद हुई। साथ ही बाइक संख्या यूपी 25 सीए 3347 भी बरामद की गई। बाइक के पीछे पुलिस का कलर लगा था। पूछताछ में पता चला कि विनोद कुमार शर्मा अलीगढ का रहने वाला है और कालीचरण बरेली का रहने वाला है। विनोद कुमार शर्मा हाईस्कूल फेल है, अलीगढ़ में पुलिस लाईन के बगल में रहता है। बचपन से ही पुलिस में आने का शौक था किन्तु पढ़ाई पूरी न होने के कारण पुलिस में भर्ती न हो सका। जबकि इसके कई रिश्तेदार उत्तर प्रदेश पुलिस में है। उन्हंी से पुलिस के बारे में जानकारी एकत्र कर लगभग पिछले 35 साल से लोगों के सोने चांदी इत्यादि की ठगी कर रहा है।

पूछताछ में उसने बताया कि वह लोगों से जान पहचान निकालकर तथा अपनी लच्छेदार बातों में उलझाकर उनके द्वारा पहने अंगूठी, गले की चैन आदि लेकर अपने बेटे विवेक शर्मा या किसी अन्य साथी के साथ फरार हो जाता है। वर्तमान में इसका बड़ा बेटा विवेक शर्मा मेरठ जेल में बंद है। अभी तक विनोद द्वारा दर्जनों घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है विशेष रूप से कानपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मथूरा, आगरा, सम्भल, सहारनपुर तथा उत्तराखंड में हरिद्वार देहरादून व हल्द्वानी में ठगी की गयी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।

विनोद कुमार शर्मा द्वारा बताया कि वह उत्तर प्रदेश पुलिस दरोगा की वर्दी पहनकर घूमता है और जहां किरायेपर रहता है वहां पर लोगों को आभास कराता था कि वह पुलिस में है जिससे मौहल्ले में उसकी धाक रहे। साथ ही बाइक में उत्तर प्रदेश पुलिस कलर लगाने से चैकिंग मे उसके कोई रोकता नहीं है। पूछताछ में सामने आया कि वह 25 अक्टूबर 2020 को देहरादून जेल से छूटा है तब से रामगनर गुल्लरहट्टी में किराये पर रह रहा है। कालीचरण से उसकी मुलाकात देहरादून जेल में हुई जहां वह एक ही बैरक मे लगभग 6 माह तक रहे। जिसके बाद दोनों ने मिलकर ठगी की घटना को अंजाम दिया। पुलिस टीम में मुखानी थानाध्यक्ष सुशील कुमार , उनि महेश जोशी, उनि. त्रिभुवन जोशी, उनि. निर्मल सिंह लटवाल, कास्टेबल विरेन्द्र सिंह, नरेन्द्र रावत, रमेश चन्द्र कांडपाल शामिल थे।