हल्द्वानी-सहकारिता मंत्री ने ली दुग्ध विभाग की समीक्षा बैठक, जल्द विभाग में भरे जायेंगे खाली पड़े पद

हल्द्वानी – आज दुग्ध विकास, सहकारिता राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने डेरी निदेशालय में दुग्ध विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने प्रदेश में दुग्ध उपार्जन-विपणन स्थिति के साथ ही भौतिक व वित्तीय व्यय की अद्यतन जनकारियां अधिकारियों से ली। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं में प्राप्त धनराशि का ससमय सदुप्रयोग करें। उन्होंने प्रदेश
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हल्द्वानी-सहकारिता मंत्री ने ली दुग्ध विभाग की समीक्षा बैठक, जल्द विभाग में भरे जायेंगे खाली पड़े पद

हल्द्वानी – आज दुग्ध विकास, सहकारिता राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने डेरी निदेशालय में दुग्ध विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने प्रदेश में दुग्ध उपार्जन-विपणन स्थिति के साथ ही भौतिक व वित्तीय व्यय की अद्यतन जनकारियां अधिकारियों से ली। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं में प्राप्त धनराशि का ससमय सदुप्रयोग करें। उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों में दुग्ध उत्पादकों, काश्तकारों के चीज, खोया, छुपी, बद्री घी आदि उत्पादन विक्रय हेतु 30 ग्रोथ सेन्टर खोलने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकार इस वर्ष को रोजगार वर्ष के रूप में मना रही है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से रिक्त पदों की सूची मांगते हुए भर्तियां कराने के निर्देश दिये है। उन्होंने डेरी विभाग दुग्ध संघों, पशुआहारशाला रूद्रपुर में स्वीकृत पदों के सापेक्ष जो रिक्त पद है उन्हें सीधी भार्ती, प्रतिनियुक्ति व आउट सोर्स से भरने हेतु 15 दिन में विज्ञापन निकालने के निर्देश दिये।

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दुग्ध मंत्री ने कहा कि मुख्य मंत्री का लक्ष्य महिलाओं को घास के बोझ से निजात दिलाना है, घास का विकल्प पशुआहार साईलेज है इसलिए मक्का उत्पादन को बढाने हेतु किसानों को जागरूक कर प्रेरित किया जाय। उन्होंने बागेश्वर व रूद्रप्रयाग में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए एनसीडीसी योजनान्र्तगत दुधारू पशु लेने हेतु प्रेरित करें तथा उनसे प्राप्त प्रार्थनाओं पर बैकों से समन्वय स्थापित करते हुए ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि एनसीडीसी योजना के अन्र्तगत दुधारू पशुओं हेतु ऋण का 50 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार अनुदान देगी।

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निदेशक डेरी जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि प्रदेश में 11 दुग्धशालायें है जिनकी 2.70 लाख लीटर कार्यरत है तथा 164 दुग्ध मार्गो पर 4189 दुग्ध सहकारी समितियां गठित है 159 लाख दुग्ध उत्पादक सदस्य है जिसमें से 50 हजार पोरर दुग्ध उत्पादन सदस्यों के साथ ही 1190 महिला डेरी समितियों के 43 महिलाओं की प्रत्यक्ष भागीदारी है। दो लाख किलोग्राम प्रतिदिन औसत दैनिक दुग्धोपार्जन है तथा तरल दुध बिक्री 157 लाख लीटर अधिक है। उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादकों को प्रोसाहन राशि हेतु 12 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई थी जिसे डीबीडी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में डाल दी गई है। गंगा गाय महिला डेरी योजना के अन्तर्गत प्रदेश के जनपदों में 361 के सापेक्ष 381 प्रार्थना पत्र बैकों को भेजे गये, बैकों द्वारा 358 प्रार्थना पत्रों पर ऋण स्वीकृत करते हुए 355 को ऋण वितरित कर दिया गया है व लाभायार्थियों द्वारा 355 दुधारू पशु भी क्रय कर लिये गये है।