देहरादून- मंत्री सतपाल महाराज ने प्रवासियों को लेकर तैयार किया ये प्लान, ऐसे सुधारेंगे प्रदेश की अर्थव्यवस्था

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए प्रदेश के जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात कर उन्हें जलागम विकास परियोजनाओं के लिए 1000 करोड़ के प्रस्ताव सौंपे है। इस दौरान मंत्री सतपाल महाराज ने उन्हें बताया कि उत्तराखंड राज्य में क्रियान्वित की जा रही विश्व बैंक पोषित
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देहरादून- मंत्री सतपाल महाराज ने प्रवासियों को लेकर तैयार किया ये प्लान, ऐसे सुधारेंगे प्रदेश की अर्थव्यवस्था

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए प्रदेश के जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात कर उन्हें जलागम विकास परियोजनाओं के लिए 1000 करोड़ के प्रस्ताव सौंपे है। इस दौरान मंत्री सतपाल महाराज ने उन्हें बताया कि उत्तराखंड राज्य में क्रियान्वित की जा रही विश्व बैंक पोषित उत्तराखंड विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना ग्राम्या फेज-2 एक सफल परियोजना है। यह परियोजना वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साल 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने और प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्धन के साथ पुनर्जीवन की परिकल्पना को साकार करने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

देहरादून- मंत्री सतपाल महाराज ने प्रवासियों को लेकर तैयार किया ये प्लान, ऐसे सुधारेंगे प्रदेश की अर्थव्यवस्था

प्रवासियों के लिए लाभकारी

मुलाकात के दौरान सतपाल महाराज ने कहा कि यह परियोजना वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बाद वापस आए प्रवासी भाई-बहनों के लिए भी आजीविका के अवसरों में वृद्धि और सहयोग करने में लाभकारी होगी। सतपाल महाराज ने अनुराग ठाकुर को बताया कि ग्राम्या-2 के नाम से चल रही यह परियोजना सितंबर 2021 में समाप्त हो रही है। इसलिए इस जन उपयोगी और लोकप्रिय परियोजना जो हमारे हिमालय राज्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसका तीन साल की अवधि के लिए करने के अलावा 90 मिलियन यूएस डॉलर के अतिरिक्त वित्त पोषण के प्रस्ताव की संस्तुति कर विश्व बैंक को प्रेषित किया जाए।

जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि जलागम प्रबंधन विभाग उत्तराखंड ने राज्य के उच्च दुर्गम पर्वतीय हिमालय क्षेत्रों में लगभग चार दशकों से विभिन्न बाह्य वित्त पोषित जलागम परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता रहा है। उन्होने कहा कि इन परियोजनाओं की इस हिमालय राज्य में जल और भू-संपदा के संरक्षण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके साथ ही परियोजनाओं से प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सीमांत किसानों के लिए संचालित विभिन्न गतिविधियों में सहयोग से उनकी आजीविका का संवर्धन भी हुआ है।

2014 में शुरू हुई थी योजना

उत्तराखंड राज्य में विश्व बैंक पोषित परियोजना ग्राम्या-2 वर्ष 2014 में शुरू हुई थी, जो कि सितंबर 2021 में खत्म हो रही है। उससे आगे दो वर्ष 11 महीने के लिए (128 यूएस मिलियन डॉलर) यानि 1000 करोड़ रुपए के नए प्रोजेक्ट के प्रस्ताव पर सतपाल महाराज और अनुराग ठाकुर के बीच व्यापक चर्चा हुई। आपको बता दें कि पूरी परियोजना की धनराशि 1000 करोड़ में से 70 प्रतिशत 90 मिलियन यूएस डॉलर यानि 684 करोड़ रुपए विश्व बैंक देता है और 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार की होती है, जबकि पांच प्रतिशत राशि लाभार्थी शेयर के रूप में होती है।

केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान उत्तराखंड के जलागम मंत्री महाराज ने उन्हें बताया कि प्रदेश के सूदूरवर्ती गांव जो वीरान हो गए थे, प्रवासियों के आने के बाद फिर से आबाद होने लगे हैं। इसलिए उनकी कोशिश है कि उत्तराखंड वापस लौटे प्रवासियों को जलागम परियोजनाओं के माध्यम से गांव में ही आजीविका के अवसर प्राप्त हों। अनुराग ठाकुर ने सतपाल महाराज को आश्वासन दिया कि इसके लिए वो गंभीरता से कोशिश करने के साथ-साथ परियोजना के विस्तार पर संस्तुति करते हुए जल्द ही विश्व बैंक को वित्त पोषण के लिए प्रेषित करेंगे।

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