देहरादून-नियम 310 के सदन की कार्यवाही स्थगित करने की मांग, कांग्रेस ने उठाया ये मुद्दा

देहरादून-आज विधानसभा सचिव को कांग्रेस ने अवगत कराते हुए कहा कि केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश का अन्नदाता अपने हितों की रक्षा के लिए इस कड़ाके की ठंड में सडक़ों पर आने को मजबूर हो चुका है। कृषि कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई कानूनी प्राविधान न होने से किसानों को उनकी
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देहरादून-नियम 310 के सदन की कार्यवाही स्थगित करने की मांग, कांग्रेस ने उठाया ये मुद्दा

देहरादून-आज विधानसभा सचिव को कांग्रेस ने अवगत कराते हुए कहा कि केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश का अन्नदाता अपने हितों की रक्षा के लिए इस कड़ाके की ठंड में सडक़ों पर आने को मजबूर हो चुका है। कृषि कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई कानूनी प्राविधान न होने से किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य मिलने की कोई संभावना नहीं है। किसानों की मांग है कि उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप दिया जाये और जो भी इसका उल्लंघन करे उसके लिये सजा का भी प्राविधान हो।

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कांग्रेस ने कहा कि किसानों की उक्त माँग का पुरजोर समर्थन करते है। किसानों के साथ हो रहे इस अन्याय के दृष्टिगत इस सदन के माध्यम से केन्द्र सरकार से माँग की कि देश के किसानों के हितों को देखते हुए उक्त कानून को और अधिक ठोस बनाया जाय। संसद से पारित तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए अन्यथा कर्ज से दबे किसान बिचौलियों को अपनी उपज बेचने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का सही फायदा किसानों को तभी मिल पायेगा, जब इस संबंध में कठोर कानून बनाया जाय तथा उसे कड़ाई से पालन कराया जाय।

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उन्होंने कहा कि किसानों का पूरा धान खरीदने में भी सरकार पूर्णतया विफल रही है और जो भी धान सरकार द्वारा स्थापित क्रय केन्द्रों पर खरीदा गया, उसका भी पूरा भुगतान किसानों को नहीं किया गया है। सरकार द्वारा लगभग 30 लाख कुंतल से अधिक धान क्रय किया जा चुका है जिसकी देय धनराशि सरकार के ऊपर लगभग 650 करोड़ के लगभग होती है उसके सापेक्ष सरकार द्वारा लगभग 100 करोड़ का भुगतान ही अभी तक प्रदेश के किसानों को किया गया है तथा लगभग 550 करोड़ सरकार पर लम्बित है।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में कुछ किसानों के द्वारा भुगतान को लेकर दायर जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि किसानों की फसलों का भुगतान 48 घंटों से लेकर एक सप्ताह के भीतर किसानों का पूर्ण भुगतान किया जाए लेकिन अभी तक सरकार द्वारा किसानों का पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है। प्रदेश में किसानों का पूरा धान नहीं खरीदा गया है उसका मूल्य अभी तक नहीं मिला है। 33 किसानों ने अब तक आत्महत्या कर ली है, वही दो लोग सरकार के खिलाफ आंदोलन में ठंड से भी मर गए है। कांग्रेस इस काले कानूनों के खिलाफ हैं। सरकार को किसानों की यह अनदेखी बहुत महंगी पड़ेगी और यह असहाय किसान आगामी चुनाव में सरकार से अपना हिसाब चुकता किये बिना चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने शीघ्र इसके समाधान की मांग की। जिसके बाद नियम 310 के अंतर्गत सदन की पूर्ण कार्यवाही स्थगित करने की मांग की। पत्र पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, करना, माहरा, हरीश सिंह, ममता राकेश, मनोज रावत, आदेश सिंह चौहान, राजकुमार, मौ. काजी निजामुद्दीन हाजी फुकरान अहमद ने हस्ताक्षर किये।