Big news-( हल्द्वानी) सुशीला तिवारी अस्पताल आम मरीजों के लिए हुआ बंद,अब आपके मरीज का यहाँ होगा इलाज

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी को COVID-19 स्पेशलिस्ट हास्पिटल के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसके कारण अस्पताल में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों का उपचार नहीं किया जा सकेगा। जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल ने बताया कि एसटीएच को आमजन के लिए बंद
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Big news-( हल्द्वानी) सुशीला तिवारी अस्पताल आम मरीजों के लिए हुआ बंद,अब आपके मरीज का यहाँ होगा इलाज

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी को COVID-19 स्पेशलिस्ट हास्पिटल के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसके कारण अस्पताल में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों का उपचार नहीं किया जा सकेगा। जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल ने बताया कि एसटीएच को आमजन के लिए बंद करने के बाद निजी चिकित्सालयों को आपदा प्रबन्धन एक्ट -2005 के तहत सभी के इलाज की जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें हल्द्वानी के 6 निजी अस्पताल शामिल है।

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इन अस्पतालों को सौंपी जिम्मेदारी

डीएम बंसल ने बताया कि हल्द्वानी के बृजलाल हास्पिटल, कृष्णा हास्पिटल, नीलकण्ठ हास्पिटल, विवेकानन्द हास्पिटल, सांई हास्पिटल तथा सेन्ट्रल हास्पिटल को प्रशासन द्वारा चुना गया है। जारी आदेश मे डीएम ने कहा है कि समस्त चिकित्सालयों मे चिकित्सक एवं सहवर्ती स्टाफ सुचारू रूप से सामान्य दिवसों में चिकित्सालय संचालन की भांति तैनात रहकर कार्य करेंगे। चिकित्सालय में परीक्षण,उपचार से सम्बन्धित समस्त उपकरण,लैब, एक्सरे, एमआरआई, वेन्टीलेटर व अन्य सुविधायें सुचारू रूप से संचालित रखेंगे। चिकित्सालय में रोस्टर के अनुसार दिन व रात्रि में चिकित्सकीय स्टाफ की तैनाती भी की जायेगी।

डीएम की बात नहीं मानी तो होगी कार्यवाही

उन्होंने चिकित्सालय प्रबन्धन को अदेशित करते हुए राजकीय चिकित्सायल से रैफर होकर उपचार के लिए आने वाले मरीजों का समय पर उपचार करने की बात कही है। साथ ही सभी चिकित्सालयों में मेडिकल स्टोर सुचारू रूप से संचालित हो ऐसे आदेश भी दिये है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि उपचार एवं उपचार प्रक्रिया में शिथिलता बरतने पर मेडिकल काउन्सिल एक्ट-1956 के प्राविधानों के अन्तर्गत चिकित्साधिकारी के विरूद्व कार्यवाही की जायेगी। आदेशों का पालन न करने पर उनके विरूद्व आईपीसी की धारा-188 तथा अन्य धाराओं में दण्डात्मक कार्यवाही भी की जायेगी।

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