भू कानून के नियमों को ताक में रखकर खरीदारों पर ही नहीं अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई, अब तक इतनों को नोटिस 

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देहरादून - उत्तराखंड में भू-कानून के उल्लंघन से जुड़े मामलों और उन पर सरकार की सख्त कार्रवाई के निर्णय को दर्शाती है। जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत राज्य से बाहर के लोगों को भूमि खरीदने की छूट का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सरकार ने गंभीर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सबसे ज्यादा मामले नैनीताल और देहरादून जिलों में पाए गए हैं। अब तक 434 लोगों को नोटिस जारी हुए हैं। करीब 24 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है।


जवाबदेही तय करना - 
भू-कानून के उल्लंघन पर केवल खरीदारों पर ही नहीं, बल्कि उन अफसरों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होगी, जिन्होंने नियमों की अनदेखी कर अनुमति और रजिस्ट्री दी है। नवंबर तक राज्य में 1500 भूमि खरीद मामलों की अनुमति दी गई। हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा 931 अनुमतियां मिलीं, जबकि अन्य पर्वतीय जिलों में संख्या कम है।


सरकारी निर्देश और कार्रवाई - 
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। जिलाधिकारियों को नोटिस जारी करने और मुकदमे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। सरकार स्पष्ट रूप से भू-कानून के सख्त पालन और इसके दुरुपयोग पर नियंत्रण की दिशा में काम कर रही है। यह कदम राज्य में पारदर्शी और न्यायसंगत भूमि व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।


सचिव राजस्व, एसएन पांडेय ने बताया की भू कानून के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई जारी है। कितने मामलों में नोटिस जारी हुए, यह संख्या अभी बताना संभव नहीं है। उल्लंघन के मामलों में जहां अधिकारियों व कर्मचारियों को जानबूझकर की गई गलतियां सामने आएंगी तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
 

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