उत्तराखंड - नेताओं और नौकरशाहों के प्रभाव से मनोज बाजपेई ने इस काम के लिए खरीदी थी जमीन, अब कानूनी पेंच में फंसे एक्टर!
उत्तराखंड - प्रदेश में भू कानून की मांग को लेकर उठ रही आवाज के बीच बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में बाहरी लोगों द्वारा जमीनों के खरीद -फरोख्त की जांच करने के सख्त निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए थे लिहाजा अब कई फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं, नियमों को ताक में रखकर जिन प्रयोजनों के लिए जमीनें खरीदी थीं, कई सालों बाद आज भी वह जमीनें खाली पड़ी हैं.
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई की भी ऐसी ही फ़िल्मी कहानी सामने आ रही है, बाहुबली विधायक राजा भैया की पत्नी के बाद मनोज दूसरे सेलिब्रिटी बन गए हैं, जो पहाड़ी राज्य में नए कानून की जद में आए हैं। बॉलीवुड स्टार मनोज बाजपेई ने साल 2021 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा कपकोट गांव में करीब 15 नाली जमीन खरीदी थी। सरकारी दस्तावेजों में दी गई जानकारी के मुताबिक बाजपेयी इस जमीन में योग सेंटर का निर्माण करना चाहते थे। तीन साल बीतने के बाद भी उन्होंने न तो उस जमीन पर योग सेंटर बनाया है। और न ही इसकी जानकारी सरकार और प्रशासन को दी, जबकि नियम के मुताबिक तीन साल के भीतर आपको वह जमीन उसी प्रयोजन के लिए इस्तेमाल करनी होती है, अब प्रशासन ने बाजपेई को नोटिस भेजा है.
सूत्रों का दावा है कि प्रदेश के एक वरिष्ठ राजनेता के प्रभाव में मनोज बाजपेई के जमीन की कुछ ही घंटों में रजिस्ट्री हो गई, एक्टर को जमीन खरीदवाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने सारे नियम-कायदे ताक पर रख दिए। फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को शासन से ही तब जमीन खरीदने की अनुमति मिली थी। बताया जा रहा है कि तब मनोज बाजपेई इस जमीन को खुद के नाम करवाने अल्मोड़ा पहुंचे थे। दरअसल आम लोगों को जमीन की रजिस्ट्री कराने में एड़ियां घिसनी पड़ती हैं। ऐसे में दो दिन के भीतर ही उनकी 15 नाली जमीन की प्रशासन ने रजिस्ट्री करवाकर एक्टर का। लेकिन ये रजिस्ट्री हाई प्रोफाइल थी। लिहाजा फिल्म स्टार के रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचते ही जमीन की रजिस्ट्री हो गई थी।
बता दें कि उत्तराखंड में बाहरी राज्य के लोग निर्माण कार्य के लिए अधिकतम सवा नाली जमीन ही खरीद सकते हैं। इससे अधिक भूमि खरीदने के लिए बाहरी राज्यों के लोगों को शासन या डीएम से परमिशन लेनी पड़ती है। शासन में तैनात एक वरिष्ठ नौकरशाह पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। चर्चा है कि बाजपेई की जमीन भी जब्त की जा सकती है।
हालांकि, डीएम अल्मोड़ा आलोक कुमार पांडे ने कहा कि जमीन जब्त होगी या नहीं, यह तो जांच के आधार पर ही तय किया जा सकता है। फिलहाल जमीन खरीद के मामले में मानकों को पूरा नहीं करने की बात सामने आई है। फ़िलहाल इस मामले में जांच जारी है, और शासन को इस बारे में अवगत करा दिया गया है। डीएम का स्पष्ट कहना है कि जहां कहीं भी नियमों के उल्लंघन का मामला पाया जाएगा उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की जांच के मुताबिक तीन अन्य की जमीन भी जब्त की जा सकती है। ऐसे में अल्मोड़ा जिले में ही 23 अलग-अलग मामलों की जांच की जा रही है।
इससे पहले आपको बताएं की बीते दिनों उत्तरप्रदेश के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भावनी सिंह की जमीन पर भी कार्यवहाई हुई थी, वर्ष 2007 में भानवी के नाम पर नैनीताल जिले में बेतालघाट ब्लाक के सिल्टोना गांव में लगभग 27.5 नाली कृषि कृषि भूमि का सौदा किया था। खेती के लिए खरीदी गई भूमि पर 16 साल बाद भी खेती संबंधी कोई कार्य नहीं होने पर राजस्व विभाग ने भूमि सरकार के खाते में दर्ज कर ली है। यद्यपि मामले को लेकर भावनी सिंह की ओर से कमिश्नर कोर्ट व राजस्व बोर्ड में भी अपील की गई थी, लेकिन वहां वह केस हार गई।
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