अल्मोड़ा - प्रधानाचार्या ने विवाहित छात्रा को स्कूल की कक्षा में बैठने से क्यों रोका, CEO के एक्शन के बाद हुआ यह निर्णय 

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Almora News - अल्मोड़ा के एक इंटर कॉलेज में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 19 वर्षीय छात्रा को उसकी शादी के कारण कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी। स्कूल प्रशासन ने इस फैसले के पीछे "विवाहित छात्रों के खिलाफ नीतियों" का हवाला दिया था। मैडम कहती हैं, स्कूल में शादीशुदा लड़कियों के रहने से स्कूल का माहौल खराब हो सकता है। 

 

नियाज गंज क्षेत्र की सिमरन कक्षा आठवीं से ही आनंद सिंह सरकारी बालिका इंटर कॉलेज में पढ़ रही थी। 28 जुलाई को उसकी शादी हुई, और जब वह स्कूल लौटी, तो उसे कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। स्कूल की प्रधानाचार्या विजया पंत ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था, "हमारे स्कूल में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई विवाहित छात्रा कक्षाओं में बैठना चाहती है। हमारे नियम विवाहित छात्रों को प्रवेश की अनुमति नहीं देते, क्योंकि इसका अन्य छात्रों पर प्रभाव पड़ेगा।"

 

हालांकि, इस मामले में नया मोड़ आया है। अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी अम्बा बलोदी ने बुधवार को बताया कि ऐसा कोई नियम नहीं है जो किसी विवाहित छात्र को कक्षाओं में भाग लेने से रोकता हो। बलोदी ने कहा, "सिमरन को कक्षाओं में भाग लेने की अस्थायी अनुमति दे दी गई है। इस मामले की देखरेख बेसिक शिक्षा अधिकारी कर रहे हैं।"

 

यह घटना विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री के "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान के ठीक विपरीत है। जब देश के प्रधानमंत्री स्वयं बेटियों की शिक्षा पर इतना जोर दे रहे हैं, तब ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। स्कूल प्रशासन को इस मामले में जवाबदेह होना चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने ऐसा निर्णय क्यों लिया।

 

स्कूल की प्रभारी प्रधानाचार्य का कहना है कि ‘यह कोई विवाद का मामला नहीं है. छात्रा हमारे स्कूल में कक्षा 11वीं की छात्रा है. उसके परिजनों ने कहा था कि वो 28 जुलाई को छात्रा की शादी करने जा रहे हैं. इस दौरान केवल बात हुई थी. हमने कहा था कि यह हमारे संज्ञान में नहीं है कि विवाहित छात्रा को विद्यालय में बैठाए या ना बैठाएं. इस संबंध में उच्चाधिकारी से जानकारी लेंगे, उसके बाद उसे कक्षा में बैठने देंगे. लेकिन इतनी सी बात को मुद्दा बना दिया गया है.’

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