नैनीताल - ओखलकांडा की बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था का जिम्मेदार कौन, छह महीनों में तीसरी गर्भवती महिला की मौत 
 

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Okhalkanda News - आजादी के कई दशक बीतने के बाद आज भी ओखलकांडा विकासखंड ब्लॉक की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट है, ओखलकांडा के कई क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है. इसी कारण पिछले छह महीनों में तीन गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई है। गौनियारो निवासी मुन्नी देवी उम्र 25 वर्ष पत्नी प्रेम सिंह की रविवार अर्धरात्रि में डिलीवरी का दर्द होने के बाद मुन्नी देवी को प्राथमिक उपचार न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। क्षेत्र वासियों के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के नाम पर एक एएनएम सेंटर भी नहीं है पूर्व में भी इस तरीके से कई घटनाएं हो चुकी है। जिसमें कई गर्भवती महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. नवजात स्वस्थ है। मुन्नी देवी की पहले से ही तीन बेटियां हैं। सोमवार को ग्रामीणों ने गमगीन माहौल में महिला का अंतिम संस्कार किया गया। महिला का पति प्रेम सिंह वाहन चलाकर परिवार का खर्चा चलाता है।

 

विगत 6 माह के अंदर यह तीसरी घटना है इससे पहले डालकन्या और चमोली में दो गर्भवती महिलाओं जच्चा बच्चा सहित मृत्यु हो चुकी है, फिर भी बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कई बार शासन - प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद भी प्रशासन ओखलकांडा विकासखंड की अनदेखी किए हुए हैं जिसमें जनता को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हल्द्वानी की ओर मुंह ताकना पड़ता है। जबकि राज्य सरकार व केंद्र सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं के नाम पर करोड़ों रुपए का खर्चा करते दिखती हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा से दो-चार होना पड़ता है किसी भी छोटी समस्या के लिए उन्हें हल्द्वानी के चक्कर काटने पड़ते हैं।


ओखलकांडा के पीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते मरीजों को हल्द्वानी, रुद्रपुर, बरेली, दिल्ली के अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है। गौनियारों के बीमार ग्रामीणों को उपचार के लिए 40 किमी दूर ओखलकांडा के पीएचसी और 70 किमी दूर हल्द्वानी के अस्पतालों में इलाज कराना मजबूरी बन गया है। ग्रामीण लंबे समय से ओखलकांडा अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, फीजिशियन, सर्जन और रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार, सांसद, विधायक और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई पहल नहीं हो पाई है।

 

ओखलकांडा स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. पूजा सिंह ने कहा गौनियारों निवासी मुन्नी देवी की मौत की खबर सोमवार सुबह मिली। सोमवार को एएनएम ने गांव में जाकर नवजात की जांच की जिसमें वह स्वस्थ मिला। महिला की 17 अगस्त की डिलीवरी की तारीख थी। पिछले शनिवार को एएनएम गौनियारों गांव में गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लिए गई थी। एएनएम ने मुन्नी देवी को भी टीकाकरण और जांच के लिए बुलाया था लेकिन वह टीका लगवाने नहीं पहुंची। प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों को 108 एंबुलेंस पर फोन करना चाहिए था। उन्होंने घर पर ही डिलीवरी करा दी। परिजन रात में ही महिला को अस्पताल ले आते तो मुन्नी देवी बच जाती।

सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। स्वास्थ्य टीम को गांव भेजा गया है। पता लगाया जाएगा कि घर पर डिलीवरी कराने का क्या कारण रहा है। ओखलकांडा स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। -


पूर्व दर्जा राज्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश पनेरु ने सरकार पर स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर ओखलकांडा विकासखंड की उपेक्षा का आरोप लगाया है उन्होंने स्थानीय विधायक पर भी जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि स्वास्थ्य सुविधाएं में शीघ्र सुधार नहीं लाया गया ओखलकांडा ब्लॉक की जनता मुख्यालय में धरना प्रदर्शन को बाध्य होगी।

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