उत्तराखंड - निजी स्कूलों की मनमानी और फीस पर लगेगा अंकुश, सरकार हुई सख्त, सभी सीईओ को भेजा गया यह निर्देश

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उत्तराखंड - निजी स्कूलों की मनमानी और फीस पर लगेगा अंकुश, सरकार हुई सख्त, सभी सीईओ को भेजा गया यह निर्देश

देहरादून - राज्य सरकार ने प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर शिकंजा कसने की तैयारी तेज कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने जिलों के निजी स्कूलों से शैक्षणिक सत्र 2025-26 की फीस संरचना तथा फीस वृद्धि की विस्तृत जानकारी तत्काल विभाग को उपलब्ध कराएं।

निदेशक माध्यमिक डॉ. मुकुल सती ने साफ किया है कि जिन अधिकारियों द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया जाएगा, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। सभी सीईओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि निजी स्कूल छात्रों से निर्धारित मासिक शुल्क से अधिक न वसूलें और किसी भी प्रकार का डोनेशन या अनावश्यक शुल्क न लिया जाए।

दून में पहले भी दिख चुकी है सख्ती - 
मार्च 2025 में जब शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाई थी, तब राजधानी देहरादून के कई प्रतिष्ठित स्कूलों के प्रबंधकों को सीईओ के समक्ष पेश होना पड़ा था। नियमों की अनदेखी करने पर इनकी मान्यता पर खतरा मंडरा गया था। प्रारंभिक कार्रवाई के बाद स्थिति कुछ समय के लिए नियंत्रण में आई थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते निजी स्कूलों की मनमानी फिर बढ़ने लगी।

छह नामी स्कूलों को नोटिस, टोल फ्री नंबर पर शिकायत - 
दून के छह प्रमुख निजी स्कूलों की शिकायत अभिभावकों द्वारा सरकारी टोल फ्री नंबर पर की गई थी, जिसके बाद इन स्कूलों को सीईओ ने तलब किया। बैठक में अनुपस्थित रहने वाले स्कूलों को नोटिस भी जारी किए गए थे।

स्कूलों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश
सभी निजी विद्यालयों को वार्षिक रिपोर्ट, शैक्षणिक कैलेंडर, शिक्षकों की संख्या, एवं पीटीए गठन संबंधी जानकारी 15 सितंबर तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।

स्कूलों को ड्रेस एडवाइजरी का पालन करना होगा।

किसी भी प्रकार का डोनेशन नहीं लिया जाएगा।

किताबों की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।

शिक्षा विभाग का यह कदम अभिभावकों को राहत देने और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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