Forest Fire - उत्तराखंड में जगलों की आग बुझाने वालों को मिलेगा एक लाख तक का ईनाम, जानिए क्या है सरकार का प्लान 

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Uttarakhand Forest Fire - उत्तराखंड में जगलों की आग विकराल हो गई है, इस आग के सामने वन विभाग भी बेबस नजर आ रहा है, उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग का दायरा बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि टूरिस्टों के लिए अहम नैनीताल चारों तरफ जंगल की आग से घिर गया है। लपटें नैनीताल के रिहाइशी इलाके हाई कोर्ट कॉलोनी और आर्मी एरिया के नजदीक तक पहुंच गईं और हल्द्वानी के साथ कोटद्वार तक बढ़ती जा रही थीं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेना की मदद मांगी। वायुसेना के MI-17 हेलिकॉप्टर को आग बुझाने में लगाया गया। जंगलों के धू-धूकर जलने के कारण आसपास के लोग धुएं से बेहाल हैं। लोगों का कहना है कि जैसी आग इस बार दिखी है, वैसी पहले कभी नहीं देखी गई।


25 हजार से एक लाख तक का इनाम - 
जंगल की आग बुझाने पर प्रदेश सरकार वनाग्नि प्रबंधन समितियों को 25 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का इनाम देगी। वहीं, विशेष परिस्थितियों में हेलिकॉप्टर की भी मदद ली जाएगी। यह कहना है वन मंत्री सुबोध उनियाल का। उन्होंने यह बात यहां वन मुख्यालय के मंथन सभागार में मीडिया से वार्ता के दौरान कही। वन मंत्री ने कहा, बिना जनसहभागिता के जंगल की आग से नहीं निपटा जा सकता। ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में 541 वनाग्नि प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है, जिन्हें सीजन के लिए 30-30 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी गई है, जबकि उत्कृष्ट काम करने वाली 13 वनाग्नि प्रबंधन समितियों को एक-एक लाख रुपये, 13 समितियों को 50-50 हजार रुपये एवं 13 वनाग्नि प्रबंधन समितियों को 25-25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।


वन मंत्री ने बताया, मैन पावर की कमी न हो इसके लिए इस साल 1392 वन कर्मियों की तैनाती की गई है, जबकि 3,983 फायर वाचर तैनात किए जाएंगे। वन मंत्री ने यह भी कहा, सरकार ने फॉरेस्ट फ्रेंडली पॉलिसी बनाई है। वन पंचायत भूमि पर कृषिकरण को मंजूरी दी गई है, जबकि ईको टूरिज्म के तहत लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। 


जंगल में आग लगने की तीन प्रमुख वजह है। किसान खेतों में खरपतवार जलाते हैं। दूसरा जंगल में जलती बीडी, सिगरेट फेंकने एवं तीसरा शरारती तत्वों की ओर से जंगल में आग लगाने से वनाग्नि की घटनाएं होती हैं। शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जा रहा है। अब तक 23 मामलों में 29 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, अज्ञात मामलों की संख्या 173 है। 
 

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