उत्तराखंड - इस समूह पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, DM के निर्देश बाद 87.50 करोड़ की कुर्की प्रक्रिया शुरू

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उत्तराखंड - इस समूह पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, DM के निर्देश बाद 87.50 करोड़ की कुर्की प्रक्रिया शुरू

Uttarakhand News- देहरादून में बड़े बकायेदारों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत जिला प्रशासन ने सुभारती समूह पर अब तक की सबसे कड़ी और बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर लंबित बकाया वसूली के मामले में 87.50 करोड़ रुपये की कुर्की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने साफ किया है कि बकाया राशि जमा न करने वाले किसी भी बड़े या छोटे बकायेदार को अब किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

जिला प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई जनपद में राजस्व वसूली को गति देने और सरकारी धन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद भुगतान न होने पर यह कठोर कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी द्वारा कुर्की वारंट जारी कर स्पष्ट संदेश दिया गया है कि राजस्व हानि किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।

छात्रों की याचिका से जुड़ा है मामला
मामले की पृष्ठभूमि शैक्षिक सत्र 2017-18 से जुड़ी है, जब द्वितीय बैच के 74 छात्रों ने उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका (सिविल) दाखिल की थी। छात्रों का आरोप था कि संस्थान में आवश्यक संरचना उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते वे नियमित और समुचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। इस मामले में एमसीआई (तत्कालीन) ने भी अपने तथ्य न्यायालय के समक्ष रखे थे।

याचिका में छात्रों को अन्य संस्थानों में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। इस पर वर्ष 2019 में उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि कुल 300 छात्रों को राज्य के तीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ट्रांसफर किया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि इन छात्रों से केवल राजकीय मेडिकल कॉलेजों में लागू शुल्क ही लिया जाएगा।


राज्य सरकार पर पड़ा अतिरिक्त वित्तीय भार
उच्चतम न्यायालय ने 12 अप्रैल 2019 को अपने आदेश की पुनः पुष्टि की। इन 300 छात्रों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों में समायोजित करने के लिए राज्य सरकार को लगभग एक नए मेडिकल कॉलेज के बराबर संरचना विकसित करनी पड़ी, जिससे सरकार पर अनपेक्षित वित्तीय भार आया। दूसरी ओर, सुभारती समूह द्वारा इन छात्रों से वर्षों तक पूरा शुल्क वसूला गया, जबकि संस्थान में आवश्यक संरचना मौजूद नहीं थी।
लगातार छह वर्षों तक 300 छात्रों से शुल्क वसूलने के बावजूद उन्हें संरचनाविहीन संस्थान में रखने का खामियाजा अब संस्थान को भुगतना पड़ रहा है।

बैंक खाते सीज और संपत्ति कुर्की की तैयारी
जिला प्रशासन ने वसूली वारंट जारी कर दिया है। आने वाले दिनों में संस्थान के बैंक खाते सीज करने और संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई भी की जा सकती है। चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने इस पूरे बकाया की वसूली के लिए जिलाधिकारी को सिफारिश भेजी थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई आगे बढ़ाई गई है।


डीएम के सख्त निर्देश
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बकायेदारों की विस्तृत रिपोर्ट तत्काल तैयार की जाए। बड़े बकायेदारों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई हो और वसूली की दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। आवश्यकता पड़ने पर कुर्की, नोटिस, बैंक खाता कुर्की सहित सभी कानूनी उपाय अपनाए जाएं।


जिलाधिकारी ने दो टूक कहा, “जनता के धन की लूट करने वालों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा। राजस्व की हानि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
यह कार्रवाई जिले में बकायेदारों के लिए एक कड़ा संदेश मानी जा रही है कि अब सरकारी धन की अनदेखी करने वालों पर प्रशासन पूरी सख्ती से पेश आएगा।

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