Uttarakhand News - हरिद्वार गंगा घाट में आज ओलंपिक के मेडल बहाएंगे पहलवान, बोले लग रहा जीते ही क्यों

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Wrestlers Protest - जंतर- मंतर पर धरने पर बैठे पहलवान दिल्ली से हरिद्वार के लिये चल दिये हैं। वह हरिद्वार गंगा घाट में अपने मेडल प्रवाहित करने आ रहे हैं। यह जानकारी विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की है।


इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे - 
ट्विटर पोस्‍ट में लिखा है कि '28 मई को जो कुछ हुआ वो आप सबने देखा है। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्‍या व्‍यवहार किया है। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआइआर दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है? पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। जबकि आरोपी खुली सभाओं में हमारे ऊपर फब्तियां कस रहा है। टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दिया है।


मां गंगा से पवित्र कुछ नहीं, इसलिए उन्हीं की गोद में प्रवाहित करेंगे मेडल - 
लिखा कि मन में यह सवाल आया कि किसे लौटाएं ये मेडल। हमारी राष्ट्रपति को, जो खुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ दो किलोमीटर दूर बैठीं सिर्फ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं। हमारे प्रधानमंत्री को, जो हमें अपने घर की बेटियां बताते थे। मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली, बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया।  वह तेज सफेदी वाले चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था. उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी, मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र हूं। 

पहलवानों ने कहा कि अब लग रहा है कि हमने ये मेडल क्‍यों जीते थे। हम इन मेडल को गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्‍योंकि कि जितनी पवित्र गंगा मां हैं, उतनी ही पवित्रता से मेहनत करके हमने इन मेडलों को जीता था। इन पवित्र मेडलों को रखने की जगह गंगा मां ही हो सकती है। मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं, इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है, जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उनके ही जैसी थी।


यह है मामला - 
बता दें कि तमाम पहलवान जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे हैं। उन्‍होंने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। 28 मई को पहलवान जंतर-मंतर से नई संसद की ओर महापंचायत करने जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्‍हें हिरासत में ले लिया था।

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