Uttarakhand News - भाजपा के पूर्व विधायक का महिला के बाल संवारते वीडियो वायरल, पुलिस ने गाड़ी भी कर दी सीज
Uttarakhand News - उत्तराखंड में आए दिन विधायक और मंत्री अपने हरकतों में आये दिन चर्चाओं में रहते हैं, अब हरिद्वार की ज्वालापुर विधानसभा के पूर्व विधायक रविदासाचार्य सुरेश राठौर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में वह एक महिला के बाल संवारते हुए दिखाई दे रहे हैं। उधर, सामने आया है कि उनकी गाड़ी को भी पुलिस ने सीज किया है। थाना मुनिकी रेती के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि वाहन पर विधायक लिखा हुआ था, जबकि सुरेश राठौर पूर्व विधायक हैं। वह वाहन में मौजूद नहीं थे। जो लोग वाहन में थे वह उनके परिजन बताए जा रहे हैं। वाहन को सीज कर दिया गया है। वहीं, बुधवार को पूरे दिन पूर्व विधायक के वायरल वीडियो को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कहा जा रहा है कि यह महिला कोई अभिनेत्री है। महिला वीडियो बनाते हुए उनका मजाक भी उड़ा रही है।
हरिद्वार की ज्वालापुर विधानसभा के पूर्व विधायक रविदासाचार्य सुरेश राठौर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में वह एक महिला के बाल संवारते हुए दिखाई दे रहे हैं। pic.twitter.com/mVShaWVm6o
— News Today Network (@newstodaynetwo1) May 15, 2024
विधायक बोले ये मेरी फिल्म का हिस्सा है -
वहीं, इस मामले में पूर्व विधायक का कहना है कि वीडियो में जो महिला दिख रही है वह उर्मिला हैं, जो सहारनपुर की रहने वाली है। इनके पति से इनका तलाक का मामला चल रहा है। रविदास पीठ में इनका हमेशा आना-जाना लगा रहता है। पीठ की यह पदाधिकारी भी हैं। कई पिक्चर हाल और साइट पर मेरी फिल्म ‘गंगा संग रविदास’ प्रदर्शित भी हो रही है। तीसरी फिल्म यह ‘भाभी जी विधायक हैं’ इसमें उर्मिला ने अभिनय किया है। फिल्म में इनका नाम उर्मिला सुरेश राठौर है, इसमें मैं मुख्य अभिनय में हूं। फिल्म में भी मेरा नाम सुरेश राठौर ही है। हास्य आधारित फिल्म में इस तरह के कई दृश्य फिल्माए गए हैं। किसी के बहकावे में आकर उन्होंने स्वयं ही इस वीडियो को वायरल कर दिया। फिलहाल इस पर अब कोई साजिश करे या दुष्प्रचार की नीयत से काम करे तो मैं क्या ही कर सकता हूं।
सुरेश राठौर ने कहा कि दूसरा मामला जो वाहन सीज करने का है तो मेरी गाड़ी से आगे-आगे मेरे कुछ रिश्तेदार चल रहे थे पीछे से मैं आ रहा था। मुनिकीरेती चौकी इंचार्ज से बात करने के बाद भी वह नहीं माने और उन्होंने वाहन को सीज कर दिया। चालान भी किया जा सकता था, लेकिन दारोगा बात करने के बाद भी नहीं माने तो मैंने भी कोई शिकायत कहीं नहीं की।