Uttarakhand Mining - खनन माफियाओं से निदेशक भी सुरक्षित नहीं, गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर 50 लाख की मांगी फिरौती!

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Uttarakhand Mining News - उत्तराखंड में खनन माफियाओं का इतना वर्चस्व है की खनन निदेशक को ही कई घंटों तक बंधक बनाकर आरोपियों ने उनसे 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। दरअसल उत्तराखंड के खनन निदेशक एसएल पैट्रिक को कुछ लोगों ने गेस्ट हाउस में दो घंटे तक बंधक बनाए रखा। नौ अप्रैल की इस घटना में पैट्रिक की ओर से अब कैंट थाने में ओमप्रकाश तिवारी नाम के व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है तिवारी उनसे खनन पट्टों और स्टोन क्रशर में साझेदारी कराने को दबाव बना रहा था। जब उन्होंने दबाव नहीं माना तो उन्हें बंधक बना लिया। मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

 

अपर सचिव स्तर के अधिकारी का बताया खास - 
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक एसएल पैट्रिक ने इस मामले में देहरादून एसएसपी को शिकायत की है। पैट्रिक का कहना है कि कुछ दिन पहले सचिवालय में उनकी मुलाकात ओमप्रकाश तिवारी निवासी आदर्श विहार कारगी रोड से हुई थी। तिवारी ने खुद को एक अपर सचिव स्तर के अधिकारी का खास बताया था। वह खनन पट्टों और स्टोन क्रशर से संबंधित कार्य करना चाहता है। इसके लिए जब उसने पैट्रिक से बात की तो उन्होंने ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने की सलाह दी। वह पैट्रिक से मिलने का समय मांगने लगा। ज्यादा व्यस्त रहने के कारण वह मिलने का समय नहीं दे सके।


निदेशक पैट्रिक को पिलाना चाहता था शराब - 
इसके बाद तिवारी ने फोन पर पैट्रिक से नौ अप्रैल को मिलने से लिए समय मांगा। पैट्रिक नौ अप्रैल को करीब सात बजे अपने घर पहुंच गए। करीब आठ बजे तिवारी ने उन्हें फोन किया और कहा कि वह घर के बाहर खड़ा है। पैट्रिक ने अंदर आने के लिए कहा तो उसने परिवार के सामने बात करने से इन्कार कर दिया और किसी रेस्टोरेंट में चलने के लिए कहा। तिवारी ने उन्हें अपनी कार में बैठा लिया। पैट्रिक ने अपने ड्राइवर को पीछे से आने के लिए कहा। तिवारी उन्हें रेस्टोरेंट में ले जाने के बजाय बल्लूपुर के पास शारदा गेस्ट हाउस में ले गया। यहां उसने प्रथम तल के कमरे में पैट्रिक को बैठा दिया। गेस्ट हाउस में उसके कुछ साथी भी मौजूद थे। आरोप है कि तिवारी ने पैट्रिक को शराब पीने को कहा। लेकिन, पैट्रिक ने मना कर दिया।


50 लाख की मांगी रंगदारी - 
पैट्रिक ने पुलिस को बताया कि तिवारी गुस्सा हो गया और उसने खींचकर उन्हें बेड पर डाल दिया। इसके बाद दरवाजा बंद कर बाहर चला गया। उसने धमकाते हुए उनसे 50 लाख रुपये मांगा और न देने पर जान से मारने की धमकी दी। जबरदस्ती उनसे किसी पंजीकृत स्टोन क्रशर और खनन पट्टे में हिस्सेदारी कराने को कहा। आरोप है तिवारी ने उनके परिवार की जानकारी देते हुए उन्हें भी हानि पहुंचाने की धमकी दी।


ड्राइवर ने खोला दरवाजा - 
पैट्रिक के अनुसार करीब दो घंटे तक उन्हें वहीं बंधक बनाए रखा गया। लगभग 10 बजे उन्होंने अपने ड्राइवर को फोन किया और उसे अंदर बुलाया। इस पर तिवारी ने कहा कि उसे 30 गुर्गे बाहर खड़े हुए हैं कोई अंदर नहीं आ सकता है। तिवारी ने कहा कि उसने परिवार की पूरी रेकी की है। पैट्रिक ने पुलिस को बताया कि उनके ड्राइवर ने हिम्मत दिखाते हुए दरवाजा खोला और उन्हें जैसे-तैसे बाहर निकाला। एसएसपी के निर्देश पर कैंट थाने में आरोपी ओमप्रकाश तिवारी व उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पैट्रिक के अनुसार इस घटना के बाद वह बीमार हो गए और शिकायत करने का समय नहीं मिला। अब स्वस्थ होने के बाद उन्होंने शिकायत की है।

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