उत्तराखंड बकरी पालन सब्सिडी लोन योजना - Uttarakhand Goat Vally Farming Subsidy Yojna - स्वरोजगार स्कीम 

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Uttarakhand Goat Vally Subsidy Yojna - उत्तराखंड सरकार, राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को, रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से कई सब्सिडी युक्त योजनाएं चला रही है, जिससे प्रदेश के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे अंधाधुंध पलायन पर रोक लगाई जा सके, और लोग स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकें, उत्तराखंड में पशुपालन विभाग की ओर से कई सारी योजनाएं, भेड़ पालन, कुरकुट पालन सहित और भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, आज हम इस वीडियो में बात करेंगें बकरी पालन के बारे में. 


आइये आगे जानते हैं क्या है यह गोट वैली योजना -
कितना मिलेगा लोन- 
कितनी मिलेगी सब्सिडी --- 
और कितनी बकरियां आपको पालनी होंगी ---- 


बकरी पालन के क्षेत्र में गोट वैली बनाने के लिए सरकार उत्तराखंड के लोगों को सब्सिडी युक्त लोन दे रही है, बकरी पालन योजना में आपको महज 10 प्रतिशत ही अपना पैसा लगाना होता है, बांकी का बचा 90% पैसा सरकार सब्सिडी के तौर पर आपको छूट देती है. 


इस योजना में आपको 10 मादा (Female) और 01 नर (Male) बकरी बकरी खरीदनी होती है, जिनकी उम्र 10 से लेकर 14 माह तक होनी चाहिए। इस योजना की कुल लागत वर्तमान में 70,000 रुपये रखी गई है, जिसमें 90 प्रतिशत धनराशि यानि 63,000 रुपए उत्तराखंड सरकार द्वारा वहन की जाती है शेष 10 प्रतिशत धनराशि 7,000.00 बकरियां खरीदते समय लाभार्थी द्वारा दी जानी है।

 

आइये जानते हैं क्या है आवेदन और चयन प्रक्रिया - 

इस योजना के लिए सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के SECC यानि BPL श्रेणी के लोग योग्य होंगे। इच्छुक लाभार्थी को ग्राम सभा की खुली बैठक में प्रस्ताव रखना होगा। प्रस्ताव पास होने के उपरांत, लाभार्थी अपना प्रस्ताव संबंधित क्षेत्र के पशुचिकित्सा अधिकारी पशुधन प्रसार अधिकारी / ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को देगा। या फिर ग्राम पंचायत स्वतः अपने स्तर से विभाग को देगा। 


ग्राम स्तरीय चयन समिति के बाद, विकास खण्ड स्तरीय समिति द्वारा अंतिम चयन किया जाता है. उसके उपरांत आपकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पशुपालन विभाग को भेजी जाती है। चयन के उपरांत लाभार्थी को बकरी खरीदने के एक से दो माह के भीतर पैसा डी०बी०टी० के माध्यम से पशुपालन विभाग द्वारा उसके बैंक खाते में भेज दिया जाता है। प्रस्ताव के साथ आवेदक को आधार कार्ड, बैंक खाता, जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने होंगे।


इसके साथ ही बकरी पालन की एक और योजना उन महिलाओं के लिए भी है, जो विधवा, आपदा प्रभावित या फिर निराश्रित अकेली रह रही हो, इस योजना में पात्र महिलाओं को 12 - 18 माह तक की बकरियों की एक इकाई जिसमें तीन फीमेल और एक मेल बकरी होती है इस योजना की पूरी लागत 35 हजार है जिसे प्रदेश सरकार द्वारा पूरा 100% वहन किया जाता है, योजना में चयन के लिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होता है.

 


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