उत्तराखंड - भाजपा विधायक और दो पुलिस कर्मियों को सीबीआई कोर्ट से एक साल की सजा, जानिए क्या है मामला 

 | 

देहरादून/हरिद्वार- उत्तराखंड की सियासत में सोमवार को बड़ा भूचाल आया, जब देहरादून स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने हरिद्वार की रानीपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक आदेश चौहान को एक साल की सजा सुनाई। यह सजा एक पुराने आपराधिक मामले में दी गई है, जिसमें पुलिस हिरासत में मारपीट का गंभीर आरोप था।

पूरा मामला विधायक की भतीजी के पति मनीष से जुड़ा है, जिसने वर्ष 2014 में आरोप लगाया था कि उसे पुलिस हिरासत में बेरहमी से पीटा गया। इस मामले की जांच पहले राज्य पुलिस द्वारा की गई थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने इसे सीबीआई को सौंप दिया। जांच में सामने आए तथ्यों को अदालत ने गंभीर मानते हुए यह फैसला सुनाया।

अदालत ने विधायक आदेश चौहान के अलावा उनकी भतीजी दीपिका और तीन पुलिसकर्मियों को भी दोषी ठहराया। दोषी करार दिए गए पुलिसकर्मियों में से एक की पहले ही मृत्यु हो चुकी है, जबकि अन्य दो – दिनेश और राजेंद्र – अब भी सेवा में हैं।

क्या है मामला?

मनीष ने आरोप लगाया था कि पारिवारिक विवाद के चलते उसे झूठे मामले में फंसाकर हिरासत में लिया गया और वहां बुरी तरह पीटा गया। अदालत ने पाया कि यह हमला सुनियोजित था और इसमें विधायक आदेश चौहान की भी सक्रिय भूमिका रही।

कोर्ट का फैसला

सीबीआई कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 342, 504 और 506 के तहत आदेश चौहान को दोषी पाते हुए एक साल की सजा सुनाई है। 

विधायक आदेश चौहान का राजनीतिक सफर - 

आदेश चौहान 2012 से लगातार रानीपुर सीट से विधायक हैं।

  • 2012 में निर्दलीय प्रत्याशी अंबरीश कुमार को हराकर पहली बार जीते।

  • 2017 में कांग्रेस के अंबरीश कुमार को दोबारा शिकस्त दी।

  • 2022 में कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर सिंह चौहान को 13,862 वोटों के अंतर से हराया।

वे भाजपा के सशक्त नेताओं में गिने जाते हैं और वर्तमान में हरिद्वार जिले से पार्टी के प्रमुख प्रतिनिधि हैं।

सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा के लिए असहज स्थिति बन गई है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। अब राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है कि क्या पार्टी विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी, या मामले को कानूनी प्रक्रिया के हवाले कर चुप्पी साधेगी।

WhatsApp Group Join Now
News Hub