UCC Uttarakhand - भाजपा लिव इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह के खिलाफ, कांग्रेस का बैठक से किनारा 
 

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UCC Uttarakhand -  उत्तराखंड भाजपा ने राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने का समर्थन किया। पार्टी ने विशेषज्ञ समिति को दो टूक कहा कि वह समलैंगिक विवाह व लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ है। इन्हें कानूनी मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। पार्टी ने विशेषज्ञ समिति के समक्ष अपना मत प्रस्तुत किया। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विशेषज्ञ समिति से कहा कि भाजपा यूसीसी के पक्ष में है और इसे संविधान सम्मत मानती है।

पार्टी का मानना है कि किसी भी धर्म, समाज एवं वर्ग में महिलाओं का विवाह, तलाक, संपत्ति आदि सभी विषयों में समान अधिकार होना चाहिए और देवभूमि स्वरूप बना रहना चाहिए। चूंकि नागरिक देश व समाज का प्रथम आधार है, इसलिए उनके अधिकारों का निर्धारण महत्वपूर्ण विषय है। ये अधिकार देश की एकता व अखंडता की रक्षा के मूलभूत सिद्धांत पर आधारित होने चाहिए।


भाजपा ने कहा कि महिलाओं के अधिकार पुरुषों के समान होने चाहिए और किसी भी वर्ग में महिलाएं उपेक्षित या दोयम दर्जे की दिखाई नहीं देनी चाहिए। उन्हें संपत्ति में पुरुषों के समान अधिकार हों, उन्हें मायके में बचपन और फिर विवाह के बाद ससुराल में समान अधिकार मिलने चाहिए। इसी तरह तलाक़ की स्थिति में भी जो अधिकार पुरुषों के हैं, वही अधिकार महिलाओं के भी होने चाहिए।


भाजपा ने ये सुझाव भी दिए - 

- सभी धर्मों के अनुयायियों के अधिकार समान हों, जिससे समाज में परस्पर सम्मान व सौहार्द का वातावरण बना रहे

- किसी धर्म के अनुयायियों को ऐसा कोई कार्य करने का अधिकार नहीं होना चाहिए जो अन्य धर्म के लोगों के लिए परेशानी बने

- अवैध धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक ज़रूरी, स्वेच्छा से धर्म बदलने की प्रक्रिया हो

- अनुमति के बाद ही धार्मिक स्थलों के निर्माण हो

- विवाह, तलाक़ या अन्य सामाजिक मामलों में धर्म या परंपरा के नाम पर चल रही कुरीतियां दूर की जानी चाहिए।

- पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए प्रत्येक विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए।

 

यूसीसी के प्रस्ताव पर सुझाव देने से कांग्रेस का किनारा - 

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का प्रस्ताव तैयार किए जाने से पहले विशेषज्ञ समिति की ओर से बुलाई गई राजनीतिक दलों की बैठक से कांग्रेस ने किनारा कर लिया। पार्टी का कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुआ। पार्टी का कहना था कि उन्हें इस संबंध में जरूरी सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गई थीं।

इस संबंध में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के हवाले से पार्टी प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि विशेषज्ञ समिति की ओर से बैठक का आमंत्रण प्राप्त हुआ था। इस पर कांग्रेस ने समान नागरिक संहिता से संबंधित पृष्ठभूमि और जानकारियां समिति से मांगी थीं, ताकि इसके आधार पर कांग्रेस कमेटी भी अपने सुझाव समिति को दे सके, लेकिन लगातार संपर्क किए जाने के बावजूद समिति की ओर से पार्टी को कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।

 

बता दें कि यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति की ओर से सभी हितधारकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इस संबंध में समिति की ओर से बृहस्पतिवार को सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई गई थी, ताकि वह ड्राफ्ट तैयार करने से पूर्व अपने सुझाव दे सकें।