UBSE Board - उत्तराखंड का एक स्कूल ऐसा भी जहां 12वीं में पूरी क्लास हो गई फेल, जीरो प्रतिशत रहा रिजल्ट, अब उठने लगे सवाल 

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देहरादून - उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था पर इससे बड़ा दाग नहीं हो सकता है! उत्तराखंड बोर्ड के परीक्षा परिणामों ने पूरे सिस्टम को सकते में डाल दिया, राजधानी देहरादून के विकासनगर में मौजूद राजकीय इंटर कॉलेज मेदनीपुर, बद्रीपुर में शिक्षा व्यवस्था की एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। विद्यालय की 12वीं कक्षा के सभी 22 छात्र-छात्राएं इस साल बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं। वहीं इसी स्कूल की 10वीं कक्षा में 66 में से 62 छात्र सफल हुए हैं, यानी करीब 94% का रिजल्ट।  

12वीं का रिजल्ट “शून्य” रहने की खबर जब शिक्षा विभाग तक पहुंची तो हड़कंप मच गया। विभाग के अधिकारी जांच में जुट गए हैं। विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि 12वीं में सिर्फ विज्ञान (पीसीएम) विषय उपलब्ध है। अन्य विकल्प न होने के कारण छात्रों को मजबूरी में वही विषय पढ़ना पड़ा, जिसमें उनकी रुचि नहीं थी। प्रबंधन का दावा है कि वर्ष 2016 से ही स्कूल में कला संकाय की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर स्वीकृति नहीं मिली। यही वजह है कि 10वीं के बाद करीब 100 छात्र-छात्राएं अन्य स्कूलों में स्थानांतरित हो गए। जो छात्र आर्थिक स्थिति के कारण बाहर नहीं जा सके, उन्हें यहीं दाखिला लेना पड़ा।

देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल ने कहा, जिन स्कूलों का परिणाम खराब रहा है, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। मेरे संज्ञान में आया है कि इस विद्यालय में केवल विज्ञान विषय उपलब्ध है, जिससे कमजोर छात्रों को भी वही विषय पढ़ना पड़ रहा है। हम जल्द ही यहां कला विषयों की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजेंगे।
यह मामला न केवल विद्यालय प्रबंधन की सीमाओं को उजागर करता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की जमीनी सच्चाई को भी सामने लाता है। जब छात्रों की पसंद और आवश्यकता को नजरअंदाज किया जाता है, तो परिणामों पर असर पड़ना लाजमी है।

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