उत्तराखंड मूल के दो नेता जिनकी दिल्ली में है खूब चर्चा, एक ने मुस्लिम बहुल सीट पर खिलाया कमल, दूसरे ने मशहूर शिक्षाविद को हराया

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Delhi Election Result 2025 - दिल्ली की राजनीति में इन दिनों उत्तराखंड के दो नेताओं, रविंद्र सिंह रवि नेगी (Ravi Negi BJP MLA Delhi) और मोहन बिष्ट, की चर्चा जोरों पर है। रविंद्र नेगी पटपड़गंज से विधायक चुने गए हैं, जबकि मोहन बिष्ट (Mohan Bisht MLA Mustafabad Delhi) मुस्लिम बहुल सीट मुस्तफाबाद में कमल खिलाने में कामयाब रहे।  मोहन बिष्ट और रविंद्र नेगी दोनों ही उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से ताल्लुक रखते हैं, लिहाजा दिल्ली की राजनीति में उनकी सक्रियता ने उन्हें एक अलग मुकाम दिलाया है। रविंद्र नेगी और मोहन बिष्ट की बढ़ती लोकप्रियता ने दिल्ली की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है। उनके राजनीतिक प्रदर्शन की चर्चाएं दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक हो रही हैं। आने वाले समय में इन नेताओं की भूमिका दिल्ली की सियासत में भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।


पहले बात करते हैं मोहन बिष्ट की - 
मोहन सिंह बिष्ट (Mohan singh bisht Vidhayak Delhi Uttarakhand) का जन्म 2 जून 1957 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सल्ट अजोली गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम खुशाल सिंह बिष्ट और माता का नाम हीरा देवी था। मोहन सिंह बिष्ट ने 1976 में जीबी पंत इंटर कॉलेज, दयाल, अल्मोड़ा से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। बचपन से ही उन्हें समाज सेवा में गहरी रुचि थी। मोहन सिंह बिष्ट का राजनीतिक सफर 1976 में जनसंघ से शुरू हुआ था जब वह उत्तराखंड से दिल्ली आए थे। वह 1992 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए और एक स्वयंसेवक के रूप में काम करने लगे। इसके अलावा, वे विश्व हिंदू परिषद (VHP) के भी सक्रिय सदस्य रहे।

मोहन सिंह बिष्ट ने पहली बार साल 1998 में करावल नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की। साल 2003, 2008 और 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने करावल नगर से जीत दर्ज की। हालाँकि 2015 के चुनाव में मोहन सिंह बिष्ट तब आम आदमी पार्टी के नेता कपिल मिश्रा से चुनाव हार गए।


साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से करावल नगर सीट से भाजपा का टिकट मिला और इस बार वह जीत गए। इस प्रकार, वे करावल नगर सीट से पांच बार विधायक रहे हैं। इस बार भाजपा ने मोहन बिष्ट को मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया लिहाजा यह सीट बिष्ट को कपिल मिश्रा के लिए छोड़नी थी पार्टी का आदेश मानकर मोहन बिष्ट ने अपनी परम्परागत सीट कपिल मिश्रा के लिए छोड़ दी और मुस्तफाबाद जैसी सीट को भाजपा की झोली में डालने में सफल रहे। 


कौन हैं रवि नेगी - 
अब बात करते हैं दिल्ली विधानसभा चुनावों में चर्चित चेहते भाजपा नेता रविंद्र रवि नेगी की, रवि नेगी (Ravindra Negi MLA Patparganj) ने पिछले चुनाव में तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के पसीने छुड़ा दिए थे,इसी वजह से सिसोदिया इस सीट को छोड़कर भाग गए, इस बार आम आदमी पार्टी ने UPSC की तैयारी करवाने वाले गुरु अवध ओझा को उतारा, गौरतलब है की इंस्टाग्राम पर 2.2 मिलियन फालोअर्स वाले आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और चर्चित चेहरे अवध ओझा को 28 हजार मतों के अंतर से नेगी ने धूल चटा दी, रविंद्र मौजूदा समय में विनोद नगर क्षेत्र से पार्षद भी हैं।


दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक रविंद्र नेगी मूल रूप से डोल जैती सालम अल्मोड़ा जिले के निवासी हैं। हल्द्वानी के देवलचौड़ बंदोबस्ती निवासी बड़े भाई कंस्ट्रक्शन कारोबारी हरीश नेगी के अनुसार दिल्ली की राजनीति करने के बावजूद रविंद्र का पहाड़ और हल्द्वानी से रिश्ता बरकरार रहा है।  दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेगी के तीन बार पांव छूने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। अब जब भाजपा दिल्ली में प्रचंड बहुमत के सत्ता में आ चुकी है तो रवि नेगी या फिर मोहन बिष्ट के दिल्ली सरकार में मंत्री बनने की उम्मीद अब दिल्ली के 40  लाख से अधिक प्रवासी और पहाड़ के लोग लगा रहे है।  

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