हल्द्वानी - शहर में लड़कियों के लिए शेफ नहीं हैं यह जगहें, छात्राओं ने बताया मैडम इन 18 जगहों से गुजरने पर धड़कनें होती हैं तेज 

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हल्द्वानी - कुमाऊं का शांत शहर हल्द्वानी में अपराध का ग्राफ बढ़ने से महिलाएं और बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही हैं. आये दिन महिलाओं से हो रहे दुराचार के बाद अब प्रशासन सख्ती के मूड में है. जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में एक कमेटी बनी है. जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत “बालिकाओं द्वारा असुरक्षित स्थानों के चिन्हीकरण“ विषय में राजकीय महिला महाविद्यालय, हल्द्वानी में महिला एवं बाल विकास विभाग नैनीताल द्वारा कार्यशाला आयोजित की गई. 


इस कार्यशाला में मौजूद छात्राओं ने हकीकत बयां की तो महिला अधिकारी भी दंग रह गईं. कमेटी में शामिल अपर निदेशक प्रशिक्षण ऋचा सिंह एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट ने छात्राओं से ऐसे स्थानों के बारे में पूछा जहां उन्हें किसी तरह की असुरक्षा महसूस होती हो. पहले तो छात्राएं बताने में आनाकानी करने लगीं. उनका नाम उजागर न करने और समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया तो उन्होंने एक के बाद एक 18 स्थान गिना दिए. छात्राओं ने कहा इन जगहों पर नशेड़ी युवकों का जमावड़ा लगा रहता है। छात्राओं पर छींटाकशी और गंदे कमेंट किए जाते हैं. 

 

हल्द्वानी के यह 18 जगह हैं जहां लगता है डर -  

- तिकोनिया से लेकर वर्कशॉप लाइन तक

- एमबीपीजी के पीछे जहां ई-रिक्शा खड़े रहते हैं।

- मुखानी क्षेत्र में श्याम अपार्टमेंट के पास

- मंगल पड़ाव टेंपो स्टैंड पर

- मटर गली के पास स्थित पार्क में

- चौफला चौराहे के पास

- आनंदा स्कूल नहर कवरिंग रोड पर

- सुशीला तिवारी रोड के पीछे से जाने वाली सड़क पर

- डहरिया के पास

- पनचक्की के पास

- हाईडिल गेट के पास

- चोरगलिया के मुख्य चौराहे से मछली वन को जाने वाली सड़क पर

- साथ ही चोरगलिया के मुख्य चौराहे को भी संवेदनशील बताया है. 

 

ऑटो वालों की कार्यशैली पर भी खड़े लिए सवाल - 
छात्राओं ने बताया कि कई बार ऑटो वाले उन्हें गलियों से लेकर आते हैं. जब उनसे कहा जाता है कि इस गली से नहीं मुख्य सड़क से चलो तो वे रास्ते में उतरने के लिए कहकर झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं. छात्राओं ने कुछ सुझाव भी दिए हैं. ऑटो या रिक्शा स्टैंड पर पुलिस को गश्त करनी चाहिए,  इसके साथ ऑटो चालकों के गले में अनिवार्य रूप से आईडी कार्ड लटका होना चाहिए। ऑटो और टेंपो पर नंबर और मालिक का नाम-पता लिखा होना चाहिए, टेंपो स्टैंड, बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड पर सीसीटीवी लगने चाहिए. 
 

अपर निदेशक प्रशिक्षण ऋचा सिंह ने बताया की कार्यशाला में चिह्नित स्थानों और सुझाव के साथ समिति जिलाधिकारी को रिपोर्ट देगी जिससे संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जा सके. कार्यक्रम का उद्देश्य भयमुक्त वातावरण बनाना है ताकि छात्राएं स्वयं को असुरक्षित महसूस न करें, वे भरोसे के साथ कहीं भी आ-जा सकें, साथ ही अभिभावक भी चिंतामुक्त हो सकें. कमेटी की सदस्यों ने छात्राओं को गौरा शक्ति एप और अन्य अधिकारों की जानकारी दी है. 
 

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