Loksabha Election - गजब है अल्मोड़ा लोकसभा सीट का इतिहास, कभी रावतों के बीच हुई थी सियासी जंग, अब टम्टा हैं आमने - सामने

अल्मोड़ा लोकसभा चुनावों में 1952 से 2024 तक कब -किसके सिर सजा ताज
 | 

Almora Loksabha Seet Political History - उत्तराखंड की अल्मोड़ा लोकसभा सीट का अपना गज़ब सियासी इतिहास है, इस सीट पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच हमेशा से ही जंग रही है। आजादी के बाद कई सालों तक अल्मोड़ा की जमीं पर कांग्रेस के सामने कोई पार्टी अपने कदम नहीं रख पाई, देश में पहली बार 1952 में हुए लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा सीट दो भागों में विभाजित थी। पहली अल्मोड़ा जिला (नॉर्थ ईस्ट) और दूसरी नैनीताल जिला सह अल्मोड़ा जिला (साउथ वेस्ट) सह बरेली जिला। दोनों ही सीटों से कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। अल्मोड़ा जिला (नॉर्थ ईस्ट) से देवी दत्त ने स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार पुर्णानंद को हराया था और अल्मोड़ा जिला (साउथ वेस्ट) से सी डी पांडे ने स्वत्रंत पार्टी के उम्मीदवार दान सिंह को मात दी। 1957 में यहां स्वतंत्र रूप से पहली बार चुनाव हुए, जिसमें फिर से कांग्रेस ने ही जीत हासिल की। इस सीट के इतिहास पर अगर नजर डाली जाए तो शुरुआत से लेकर 2014 के चुनाव तक कांग्रेस और बीजेपी के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली है। सिर्फ एक बार यहां से अन्य पार्टी ने जीत हासिल की है।


कई सालों तक कांग्रेस का रहा दबदबा - 
आजादी के बाद लगातार 19 सालों तक अल्मोड़ा सीट पर सिर्फ कांग्रेस ने राज किया। 1962, 1967, 1971 तक यहां कोई भी पार्टी अपने जड़ें नहीं जमा पाई। 1957 में कांग्रेस उम्मीदवार हर गोविंद यहां से सांसद चुने गए। उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार को करीब 9 हजार वोटों के अंतर से हराया। इसके बाद 1962 के चुनाव में कांग्रेस के एक नए उम्मीदवार जंग बहादुर सिंह यहां से जीते। 1967 में भी जंग बहादुर सिंह ने ही जीत का परचम लहराया। हालांकि 1971 में कांग्रेस ने फिर से एक नए उम्मीदवार को टिकट दिया। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे नरेंद्र सिंह बिष्ट यहां से चुनाव लड़े और जीत हासिल की।

नई पार्टी ने कांग्रेस को दिया झटका - 
1977 में देश में लगे आपातकाल के बाद कांग्रेस को झटका लगा, चुनाव में कांग्रेस ने पहली बार यहां से हार का सामना किया और भारतीय लोक दल को यहां से जीत मिली। कांग्रेस इस चुनाव में ना सिर्फ हारी, बल्कि भारी वोटों के अंतर से हारी। बीएलडी के उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए बहुचर्चित नेता मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र सिंह बिष्ट को हराया। जोशी ने लोगों का प्यार पाते हुए 153409 वोट पाए, वहीं नरेंद्र सिंह सिर्फ 75933 वोटों पर ही सिमट गए। 


हरीश रावत ने लगातार तीन चुनाव जीते चार हारे - 
1980 के आम चुनाव में कांग्रेस ने फिर से यहां जनता का दिल जीता और लगातार तीन लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा पर राज किया। 1980 में कांग्रेस ने एक नए उम्मीदवार हरीश चंद्र सिंह रावत (हरीश रावत) को चुनाव लड़वाया गया। हरीश रावत ने जनता पार्टी के उम्मीदवार मुरली मनोहर जोशी को करारी मात देते हुए यहां से जीत दर्ज कराई। इसके बाद 1984 में हरीश रावत के सामने फिर से मुरली मनोहर जोशी खड़े हुए, लेकिन इस बार वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन हरीश ने जोशी को फिर से चुनाव मैदान से बाहर कर दिया। फिर 1989 में हुए चुनाव में हरीश रावत ने एक निर्दलीय उम्मीदवार काशी सिंह को शिकस्त दी। इस तरह हरीश रावत लगातार तीन बार कांग्रेस के खाते में जीत लिखवाते चले गए और सांसद बनते रहे। इसके बाद हरीश रावत 1991 में भाजपा के जीवन शर्मा से चुनाव हार गए, 96,98 और 99 में अटल लहर के बीच लगातार बची सिंह रावत ने तीन बार हरीश रावत को धूल चटा दी थी।


कांग्रेस के लिए ‘काला’ साबित हुआ ये दौर - 
1991 से लेकर 2004 तक के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए बहुत बुरे साबित हुए। ये वो दौर था, जब अल्मोड़ा की राजनीति में एक नई पार्टी ने जीत का कदम रखा और वो थी भारतीय जनता पार्टी। 1991 से लेकर 2004 तक बीजेपी लगातार यहां से जीती और कांग्रेस ने लगातार हार का मुंह देखा। कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले हरीश रावत भी यहां कुछ कमाल नहीं कर पाए और बीजेपी के सामने घुटने टेक गए उन्हें बची सिंह रावत ने 1991 में बीजेपी ने जीवन को अपने टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा और जीवन ने यहां से जीतकर बीजेपी को एक नया जीवन दिया। इसके बाद 1996, 1998, 1999 और 2004 में बची सिंह रावत ने यहां से जीतकर बीजेपी की जड़ें मजबूत कीं।


कांग्रेस ने फिर की वापसी लेकिन बीजेपी पड़ी भारी - 
2009 में कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप टम्टा ने चुनाव जीतकर बीजेपी को झटका दिया। इस चुनाव में प्रदीप टम्टा ने बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को हराया। कांग्रेस के प्रदीप को जहां 200310 वोट मिले, वहीं बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को 192987 वोट ही मिल पाए। 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में मुकाबला फिर से कांग्रेस के प्रदीप टम्टा और बीजेपी के अजय टम्टा के बीच हुआ। लेकिन इस बार बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा ने बाजी मार ली और पार्टी को जीत दिला दी। 2019 के लोकसभा चुनावों में फिर अजय टम्टा कांग्रेस के प्रदीप टम्टा पर भारी पड़ गए उन्होंने प्रदीप टम्टा को 2,32,986 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया। जिस तरह 96, 98, 99 में हरीश रावत और बची सिंह रावत आमने सामने थे इसी तरह 2009 से इस सीट पर आज तक अजय और प्रदीप टम्टा आमने सामने हैं। अब 2024 के चुनाव में बीजेपी के अजय टम्टा और कांग्रेस के प्रदीप टम्टा फिर आमने सामने हैं। इस बार कौन यहां से जीतेगा ये तो वक्त ही बताएगा। 

जानिए अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर कब कौन रहा विजय - 

1952    देवी दत्त पंत, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 
1955    बद्री दत्त पांडे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 
1957    हरगोविंद पंत, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 

1957    जंग बहादुर सिंह बिष्ट, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 
1962     जंग बहादुर सिंह बिष्ट,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 
1967     जंग बहादुर सिंह बिष्ट, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (लगातार 3 बार) 

 

1971    नरेंद्र सिंह बिष्ट,         भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1977    मुरली मनोहर जोशी         जनता पार्टी
1980    हरीश रावत         भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984    हरीश रावत         भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989    हरीश रावत         भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (लगातार 3 बार)


1991    जीवन शर्मा     भारतीय जनता पार्टी 

1996    बच्ची सिंह रावत   भारतीय जनता पार्टी
1998    बच्ची सिंह रावत   भारतीय जनता पार्टी
1999    बच्ची सिंह रावत   भारतीय जनता पार्टी
2004     बच्ची सिंह रावत   भारतीय जनता पार्टी (लगातार 4 बार)


2009    प्रदीप टम्टा         भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2014    अजय टम्टा         भारतीय जनता पार्टी 
2019     अजय टम्टा         भारतीय जनता पार्टी (लगातार 2 बार)

2024   ------ अजय टम्टा और प्रदीप टम्टा दोनों फिर मैदान में ------


Tags - Almora Lok Sabha constituency History, अल्मोड़ा लोकसभा सीट का इतिहास, Almora Lok Sabha Election Result 1952 - 2024, Almora Politics, Loksabha Election 2024, Pithoragarh Loksabha Election, Champawat Loksabha Election, Bageshwar Loksabha Election, Uttarakhand Politics News, General Election 2024, Uttarakhand Bjp, Uttarakhand Congress 
  

WhatsApp Group Join Now