Sri Siddhi Ma - जानिए कौन थीं बाबा नीम करौली महाराज की विरासत संभालने वाली चमत्कारी माँ - Video
 

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Baba Neem Karouli Maharaj & Siddhi Maa -  बाबा नीम करौली महाराज के चमत्कार और किस्से तो आपने खूब सुने होंगे लेकिन आज आप हमारे इस आर्टिकल में जानेंगे की महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद वह शक्तियां किसके पास थी, सिद्धि मां कौन थी, उनका जन्म कहां हुआ था, और और मां को देवी के किस अवतार का रूप माना गया था। करीब 92 साल की उम्र में सिद्धि मां का 28 दिसम्बर साल 2017 को नैनीताल के मल्लीताल प्रसादा भवन के आवास तीर्थम में महाप्रयाण हो गया था। 


बाबा की उत्तराधिकारी बनी सिद्धि माँ - 
बाबा नीम करौली महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद उनकी शिष्या सिद्धि मां बाबा जी की उत्तराधिकारी बनी। जिसके बाद उन्होंने मन्दिर परिसर की पूरी व्यवस्था खुद संभाली. सिद्धि माई को भक्तों ने वहीं सम्मान दिया जो उनकी बाबा जी के प्रति भक्तों की श्रद्धा होती थी. बताते है कि ब्रह्मलीन होने से पूर्व बाबा ने सिद्धि मां के लिए एक पंक्ति लिखी लिखी थी – मां, जहां भी तू रहेगी, वहीं मंगल हो जायेगा. 
सिद्धि मां बाबा के देहत्याग के बाद भी अक्सर कहा करती थी कि महाराज जी अब भी हमारे बीच ही मौजूद हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री जतिन प्रसाद की बुआ जया प्रसाद द्वारा लिखी गई बुक (Sri Siddhi Ma: The Story of Neem Karoli Baba's Spiritual Legacy (Book by Jaya Prasada) में भी इसका जिक्र किया गया है।


मंगलवार - शनिवार को कैंची धाम में भक्तों को दर्शन देती थी सिद्धि माँ - 
बाबा नीम करौली महाराज की अनन्य शिष्या व उत्तराधिकारी रही सिद्धि मां हर सप्ताह शनिवार-मंगलवार को कैंची धाम में भक्तों को दर्शन देती थी। लोगों का यह मानना है कि नीम करोली महाराज साल 1973 में ब्रह्मलीन होने से पहले अपनी सारी अलौकिक शक्तियों को सिद्धि मां को सौप कर चले गए थे. कैंची धाम के सेवक शेखर कांडपाल बताते हैं कि 1940 के आसपास नैनीताल में महाराज जी का पहली बार आगमन हुआ था। तब वह सिद्धि मां को कात्यायनी देवी कहकर बुलाते थे ।

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अल्मोड़ा में सिद्धि माँ जन्म हुआ - 
उनका जन्म अल्मोड़ा में हुआ था और सिद्धि मां के परिवार में आठ बहनें थीं। और उनकी शादी नैनीताल के तुलाराम साह के साथ हुई थी। उनके पति, बाबा नीम करौली के परम भक्त थे, जिसके बाद वह भी बाबा भक्त बन गई और पति के निधन के बाद बाबा की सेवा के लिए उन्होंने घर परिवार का त्याग कर दिया। उनके दो बेटे और एक बेटी भी हैं।


सिद्धि माँ ने ऋषिकेश में आश्रम बनवाया -
सिद्धि मां ने ही 1980 में ऋषिकेश में आश्रम बनवाया था। बाबा नीम करौली महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम और अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी में टाउस आश्रम है। दिसम्बर 2017 में सिद्धि मां के ब्रह्मलीन होने पर उनकी भी भव्य प्रतिमा स्थापित कर अलग पूजा कक्ष बनाया गया है. 28 दिसम्बर को हर साल उनकी पुण्यतिथि पर कैंची धाम में विशाल भंडारा का आयोजन भी होता है। 


सुमिरन करले मेरे मना...
सिद्धि मा हमेशा सुमिरन करले मेरे मना ...भजन गाती थी बुजुर्ग भक्तों के अनुसार नीम करोली महाराज जब भी खाली होते थे तो सिद्धी मां से उक्त भजन को भजने को कहते थे। इस दौरान यहां माहौल आस्था से सरोवर रहता था। हालांकि यह भी माना जाता है कि भजन के दौरान मंदिर परिसर में मौजूद भक्तों के कष्ट दूर होते थे।

 

भक्तों को तीर्थ यात्रा कराती थीं मां - 
सिद्धिमा प्रत्येक वर्ष भक्तों को तीर्थ यात्रा पर ले जाती थीं। इसमें समाज के हर तबके के लोग शामिल होते थे। इस दौरान विभिन्न तीर्थ स्थलों पर दल पहुंचता था। वह भक्तों के बीच एक सामान्य महिला के रूप में रहती थी हालांकि मान्यता तो यह भी है कि नीम करोली महाराज के बाद सिद्धी मां को भी शक्ति प्राप्त हुई थी। भक्तों को उनके दर्शन मात्र से ही कष्ट दूर हो जाते थे।

किस्मत बदल देने वाले चमत्कारी बाबा नीम करौली महाराज के देश दुनिया में आज भी लाखों-करोड़ों अनन्य भक्त हैं, यहां तक कि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स, अभिनेत्री जूलिया राबर्ट, मशहूर भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा का नाम भी बाबा के अनन्य भक्तों में आता है।


(Teg-  सिद्धी मां कौन थी -- Sri Siddhi Ma - Baba Neem Karauli Maharaj Story | Kanchi Dham Story , Sri Siddhi Ma Story in Hindi )