देहरादून - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड पहुंचीं, हरिद्वार में पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हुईं शामिल, जानिए क्या बोलीं
हरिद्वार/देहरादून - उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर रजत जयंती समारोहों की शुरुआत हो गई है। इसी क्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचीं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने राष्ट्रपति का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
एयरपोर्ट से सीधे हरिद्वार पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू ने पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। उन्होंने स्नातक, परास्नातक और शोधार्थियों को डिग्रियां और स्वर्ण पदक प्रदान किए। इस दौरान सीएम धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह भी मंच पर मौजूद रहे।
राष्ट्रपति ने कहा — “64 प्रतिशत मेडल बेटियों ने जीते, यह भारत का गर्व है” अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि इस समारोह में 64 प्रतिशत मेडल छात्राओं ने हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि, “भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अगर हमारी बेटियां पीछे रह जाएंगी तो यह सपना अधूरा रह जाएगा। आज देश के 140 करोड़ नागरिक आशा भरी निगाहों से हमारे युवाओं की ओर देख रहे हैं।”
राष्ट्रपति ने पतंजलि विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान योग, आयुर्वेद और आध्यात्म के माध्यम से ‘व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण’ का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के जरिए शरीर और मन की विशुद्धि का कार्य किया है। “महर्षि पतंजलि की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह संस्थान भारतीय संस्कृति की गहराई और विज्ञान का समन्वय कर रहा है,” उन्होंने कहा। राष्ट्रपति ने छात्रों से निष्ठा, सरलता और सदाचार के मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि, “विज्ञान और आध्यात्म का संगम ही आदर्श जीवन का आधार है। गीता में श्रीकृष्ण ने भी निष्ठा पूर्वक कर्तव्यों के पालन की प्रेरणा दी है। आप सभी विद्यार्थियों से अपेक्षा है कि आप भगीरथ की तरह प्रयास कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।”
सीएम धामी बोले — युवाओं को नौकरी देने वाला बना रहे हैं समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत उत्तराखंड को शोध संस्थानों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ा जा रहा है। “हम युवाओं को नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बना रहे हैं,”
सीएम ने बताया कि देहरादून में साइंस सिटी की स्थापना और नकल विरोधी सख्त कानून के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने पतंजलि परिवार और स्वामी रामदेव को उत्तराखंड में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
1424 विद्यार्थियों को डिग्रियां, 54 को स्वर्ण पदक
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, दीक्षांत समारोह में कुल 1424 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें 744 स्नातक, 615 परास्नातक, 62 पीएचडी, और 3 डी.लिट उपाधियाँ शामिल हैं। इसके अलावा 54 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
