Panchayat Election - यहां ग्राम प्रधान प्रत्याशी का हुआ निधन, जानिए चुनाव स्थगित होकर दोबारा क्यों होता है मतदान
Panchayat Chunav 2025 - पंचायत चुनाव के बीच चमोली जिले की देवलग्वाड़ ग्राम पंचायत में एक दुखद घटना सामने आई है। ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह (38) का शनिवार को उपचार के दौरान निधन हो गया, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। राजेंद्र सिंह पुत्र नैन सिंह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें थराली अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें हालत गंभीर होने पर हायर सेंटर रेफर किया गया। उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
राजेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चे छोड़ गए हैं। उनके निधन से देवलग्वाड़ गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने उन्हें मिलनसार, सामाजिक और सेवाभावी बताया। इस घटना के बाद विकासखंड के निर्वाचन अधिकारी अश्विनी गौतम ने तत्काल प्रभाव से ग्राम प्रधान पद के चुनाव को स्थगित करने की घोषणा की है। हालांकि, पंचायत के अन्य पदों जैसे बीडीसी, वार्ड सदस्य आदि के लिए चुनाव प्रक्रिया पूर्ववत जारी रहेगी।
चुनाव स्थगन क्यों होता है किसी प्रत्याशी की मृत्यु पर?
किसी उम्मीदवार की मृत्यु पर चुनाव स्थगित होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संवैधानिक प्रावधानों का हिस्सा है। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण होते हैं, एक प्रत्याशी की मृत्यु से शेष उम्मीदवारों को एकतरफा लाभ मिल सकता है, जिससे चुनाव प्रक्रिया असंतुलित हो जाती है। किसी प्रत्याशी की मौत से मतदाता एक वैकल्पिक विकल्प से वंचित हो जाता है। भारत के पंचायत चुनाव नियमों के अनुसार, यदि किसी नामांकित प्रत्याशी की मौत मतदान से पहले होती है, तो संबंधित पद का चुनाव स्थगित कर नई अधिसूचना जारी की जाती है। ऐसे समय में चुनाव कराना सामाजिक रूप से अनुचित माना जाता है, इसलिए यह निर्णय लिया जाता है।
