नैनीताल - क्या अब कभी नहीं पड़ेगी नैनीताल में बर्फ, एरीज की रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, लोग हैरान
नैनीताल - उत्तराखंड के नैनीताल में अब बर्फ देखना मानों बीते दिनों की बात होगी, यह हम नहीं बल्कि वैज्ञानिकों का दावा है, आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) के मुताबिक अब लोग नैनीताल जैसे हिल स्टेशनों में बर्फ देखने के लिए तरस जायेंगे। सर्दी के इस मौसम में भी सरोवरनगरी में कड़ाके की ठंड का अहसास नहीं हो रहा है। स्थानीय लोग भी मौसम के इस बदलाव से हतप्रभ है। नैनीताल में पिछले वर्षों की अपेक्षा जनवरी में दिन और रात सर्द होने के बजाय गर्म हैं।
वैज्ञानिकों का शोध तो यह कहता है कि भविष्य में कम ऊंचाई वाले नैनीताल जैसे ठंडे इलाकों में बर्फबारी नहीं होगी। यह बात सच भी लगती है, क्योंकि कुछ दशक पहले इन दिनों यहां बर्फ की चादर दिखती थी, लेकिन इस साल पाला तक नहीं पड़ा है। आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि फॉरेस्ट फायर और जंगलों में झाड़ियों के कटान से नमी बनाए रखने वाली घास और वनस्पति नष्ट होती जा रही हैं। इससे पाला तक पड़ना कम हुआ है। बढ़ते कार्बन उत्सर्जन की वजह से पर्यावरण भी तेजी से बदल रहा है। अब भी हम नहीं चेते तो स्थितियां और भी खराब हो सकती हैं।
वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह के मुताबिक बर्फबारी तभी संभव होगी जब कम से कम 48 घंटे तक भूमि का तापमान चार डिग्री तक गिरा रहे। साथ ही आकाश में बादल हों और एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो। वैज्ञानिकों का मानना है कि बहुत असामान्य स्थितियों में ही समुद्र तल से 2000 मीटर के इलाके में कभी-कभार बर्फबारी देखने को मिल सकेगी।