नैनीताल - उत्तराखंड हाईकोर्ट का फैसला, फार्मासिस्ट भर्ती में बी.फार्मा धारकों को झटका, यह लोग होंगे पात्र
नैनीताल — रेनू मेहता: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में फार्मासिस्ट पदों पर भर्ती को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इन पदों पर केवल डिप्लोमा इन फार्मेसी (D. Pharma) धारक ही आवेदन के पात्र होंगे। बी.फार्मा (B. Pharma) डिग्रीधारकों को इस पद के लिए अयोग्य करार दिया गया है।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि भर्ती की पात्रता तय करना सरकार की नीतिगत प्रक्रिया है। जब तक सेवा नियमों में संशोधन नहीं होता, तब तक केवल डी.फार्मा और राज्य फार्मेसी काउंसिल में पंजीकृत उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं।
इस मामले में ओम प्रकाश, विनोद कुमार और पंकज मोहन ध्यानी समेत कई बी.फार्मा डिग्रीधारकों ने याचिकाएं दाखिल की थीं। उनका तर्क था कि वे उच्च योग्यता रखते हैं, इसलिए उन्हें फार्मासिस्ट पद पर आवेदन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि राज्य सरकार पहले बी.फार्मा को मान्यता देने का आश्वासन दे चुकी है, लेकिन अभी तक नियमों में कोई संशोधन नहीं किया गया।
कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि जब तक नियमों में बदलाव नहीं होता, तब तक बी.फार्मा डिग्रीधारकों को कोई लाभ नहीं मिल सकता। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में अगर सेवा नियमों में संशोधन होता है, तो बी.फार्मा धारक लाभ उठा सकेंगे।
इस फैसले से प्रदेश के हजारों बी.फार्मा डिग्रीधारकों को झटका लगा है, जो लंबे समय से सरकारी फार्मासिस्ट पदों पर भर्ती की उम्मीद लगाए बैठे थे। अब उनकी उम्मीदें भविष्य में संभावित नीति संशोधन पर टिकी हैं।
