नैनीताल - ऐसी महिलाओं को जेल भेज देना चाहिए, जानिए हाई कोर्ट ने क्यों की यह तल्‍ख टिप्पणी

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नैनीताल - हाई कोर्ट ने एक केस को लेकर तल्ख़ टिप्पणी की है, कोर्ट ने कहा कुछ महिलायें कानून का इस्तेमाल हथियार के रूप कर रही हैं। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में दायर चार्जशीट व समन आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की एकलपीठ न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने कहा कि कुछ महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर रही हैं।


भीमताल क्षेत्र की महिला की हल्द्वानी निवासी मनोज कुमार के बीच 2005 से दोस्ती थी। रिलेशन शुरू होने के 15 साल बाद महिला ने कहा था कि शादी का वादा कर उसके साथ दुष्‍कर्म किया गया और मुकदमा दर्ज कराया। मनोज की 2019 में दूसरी जगह शादी हो गई।

कोर्ट ने कहा कि जब महिला को पता चल गया कि वह आदमी शादीशुदा है, उसके बाद भी महिला ने उसके साथ संबंध रखा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता मनोज के याचिकाकर्ता खिलाफ, आपराधिक कार्रवाई व सम्मन आदेश को रद कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि पहले वे खुद पुरुष मित्र के साथ होटलों से लेकर कई जगह अपनी मर्जी से जाती है, फिर जब किसी महिला व पुरुष साथी के बीच मतभेद पैदा होता है तो इस कानून का दुरूपयोग करती है।

कोर्ट ने यहां कहा कि सेक्शन 376 का दुरुपयोग किया जाने लगा है। जो इस तरह के गलत व झूठे आरोप लगाती है तो ऐसी महिला को तो जेल भेज देना चाहिए। कोर्ट ने एक अन्य मामले में कहा कि एक युवती ले तो खुद अपने केस की पैरवी करते हुए कहा कि उसके मित्र पुरुष ने शादी का झांसा देकर कई जगह ले जाकर उसकी मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाए।

कोर्ट ने कहा कि शारीरिक संबंध उसके पंद्रह वर्ष पूर्व से बने आ रहे है। और एफआइआर अभी की जा रही है। आखिर क्यों। खुद अपनी मर्जी से जाती है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आ रहे है, जिसमें साफ नजर आ रहा है कि महिलाए इस कानून का दुरूपयोग कर रहीं है। कई महिलाएं यह जानते हुए कि उसका पुरुष मित्र पहले से ही शादीशुदा है उसके बाद भी संबंध बनाती है और बाद में शादी का झांसा देकर दुष्‍कर्म के नाम पर मुकदमा दर्ज करवाती है।

कोर्ट ने कहा कि जो युवती ऐसा कर रही है, वह बालिग व समझदार है, बच्ची नहीं है, जो पुरुष के झांसे में आ जाती है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब किसी बालिग के साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाए जाते है तो वह दुष्‍कर्म की श्रेणी में नहीं होगा।

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