नैनीताल - रजनी भंडारी प्रकरण, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पंचायती राज सचिव और चमोली के जिलाधिकारी को यह नोटिस किया जारी 

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नैनीताल - उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली, रजनी भंडारी को प्रशासक नियुक्त न करने के मामले में पंचायती राज विभाग के सचिव और चमोली के जिलाधिकारी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 27 मार्च को सरकार को आदेश दिया था कि भंडारी को तुरंत प्रशासक का चार्ज दिया जाए और 1 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश की जाए, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया।  

 

कोर्ट का सख्त रुख - 
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने अधिकारियों को कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का दोषी पाया और उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।  

रजनी भंडारी का पक्ष - 
भंडारी ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि जिला पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अन्य पूर्व अध्यक्षों को प्रशासक बनाया गया, लेकिन उन्हें इस पद पर नहीं रखा गया। सरकार ने उनके खिलाफ उच्च न्यायालय में लंबित मामले का हवाला देते हुए उनकी नियुक्ति रोकी थी। हालांकि, भंडारी ने कहा कि कोर्ट ने पहले ही उनकी बहाली का आदेश दिया था, जो अभी भी लागू है।  

 

रजनी भंडारी पर यह लगे थे आरोप - 
इससे पहले, पूर्व ब्लॉक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट की शिकायत पर भंडारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उन पर 2012-13 में नंदा राजजात यात्रा मार्ग पर विकास कार्यों में अनियमितताओं का आरोप लगा था। हालांकि, कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी आदेश पर रोक लगाते हुए उन्हें पद पर बहाल किया था। अब कोर्ट ने सरकार को फिर से निर्देश दिया है कि भंडारी को प्रशासक का चार्ज दिया जाए और इसकी रिपोर्ट पेश की जाए। साथ ही, अवमानना नोटिस के जवाब में अधिकारियों को अपना पक्ष रखना होगा।

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