नैनीताल - कैंची धाम को जाम से निजात दिलाने को लेकर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगी रिपोर्ट, SP ट्रैफिक ने यह बात बताई 

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नैनीताल - कैंची धाम में हर साल बढ़ती भीड़ और यातायात जाम की समस्या पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि कैंची धाम को जाम मुक्त बनाने के लिए अब तक क्या प्रयास किए गए हैं। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि वहां कितने श्रद्धालु निजी वाहनों से आते हैं और कितने सार्वजनिक परिवहन से, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि कैंची क्षेत्र में होटलों को 50 फीसदी पार्किंग उपलब्ध कराने का क्या आधार है। साथ ही, कैंची बाईपास निर्माण की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी मांगी गई।

450 वाहनों की पार्किंग और हेलीपैड निर्माण का प्रोजेक्ट जारी - 
एसपी ट्रैफिक डॉ. जगदीश चंद्रा व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि फिलहाल कैंची में केवल 50 वाहनों की पार्किंग की सुविधा है। हालांकि, एक बड़ी पार्किंग परियोजना पर काम चल रहा है, जिसमें 450 वाहनों की जगह और एक हेलीपैड का निर्माण प्रस्तावित है।

लोकल टैक्सी चालकों के लिए राहत की मांग - 
कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया कि न्यायालय के एक पुराने आदेश के चलते कई स्थानीय टैक्सी चालक बेरोजगार हो गए हैं। स्थानीय नागरिकों को टैक्सी संचालन का अनुभव है, लिहाज़ा उन्हें पुनः आजीविका कमाने की अनुमति दी जाए।

स्टिल्ट पार्किंग की संभावना पर विचार - 
लंच के बाद हुई सुनवाई में न्यायालय ने सभी संबंधित विभागों को नगर क्षेत्र में स्टिल्ट पार्किंग की संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया। कोर्ट ने सुझाव दिया कि पार्किंग व्यवस्था को सात फीट तक ऊंचा रखकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई कल बुधवार, 23 अप्रैल को होगी।

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