नैनीताल - हाईकोर्ट ने बिना नियमावली के आरक्षण तय करने पर राज्य सरकार से मांगा जवाब, जिला पंचायत अध्यक्ष का है मामला
नैनीताल - उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के लिए बिना उचित नियमावली के आरक्षण तय करने के मामले में राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में न्यायालय ने याचिकाकर्ता को कोई अंतरिम राहत नहीं दी है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने जिला पंचायत देहरादून के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अभिषेक सिंह की याचिका पर सुनवाई की। अभिषेक सिंह ने याचिका में आरोप लगाया था कि सरकार ने 11 जून 2025 को जारी अपने आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया और जनसंख्या के नवीन आंकड़ों को भी ध्यान में नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि आरक्षण अभी भी 2011 के पुराने नियमों के अनुसार तय किया गया है, जो कि अवैध है।
दूसरी ओर, राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि आरक्षण 11 जून 2025 के नियमों के अनुसार ही तय किया गया है। इस प्रक्रिया के लिए पहले एक सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण निर्धारित किया गया। राज्य चुनाव आयोग ने भी बताया कि चुनाव की सभी घोषणाएं 7 अगस्त 2025 को हो चुकी हैं, नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और 14 अगस्त को मतदान होना है। इस स्थिति में अब चुनाव प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप संभव नहीं है।
इस प्रकार, न्यायालय ने याचिका को फिलहाल स्थगित रखते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि वे चार सप्ताह के भीतर अपने पक्ष में जवाब प्रस्तुत करें। इस दौरान चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी।
