नगर निकाय चुनाव 2025 - क्या हल्द्वानी देहरादून सीट पर फंस गयी भाजपा, जानिए कहां फंस रहे हैं पेंच! 

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Uttarakhand Nikay Chunav 2025 - उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने - अपने दावेदारों को मैदान में उतार दिया है, ऐसे में उत्तराखंड भाजपा ने 11 नगर निगम सीट में से 6 सीटों पर अपने मेयर उम्मीदवारों का रविवार को एलान कर दिया है, वहीं कांग्रेस अब तक 8 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है. 


आज रविवार को रुद्रपुर से भाजपा ने विकास शर्मा, अल्मोड़ा से अजय वर्मा, हरिद्वार नगर निगम सीट से किरण जैसल, श्रीनगर सीट से आशा उपाध्याय और पिथौरागढ़ से कल्पना देवलाल, तो वहीं कोटद्वार से शैलेन्द्र रावत को प्रत्याशी घोषित किया है। प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगम देहरादून और हल्द्वानी में भाजपा अब तक अपने मेयर प्रतियाशी के नामों का एलान करने में पीछे कदम खींच रही है, हल्द्वानी सीट से जहां कांग्रेस ललित जोशी को अपना मेयर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. 


हल्द्वानी नगर निगम सीट पर इस बार साफ है की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है, हल्द्वानी से कांग्रेस ने ललित जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया है, ऐसे में कांग्रेस के टिकट फाइनल होने के दो दिन बाद भी भाजपा माथापच्ची में जुटी है की आखिर टिकट किसको थमाया जाये। भारतीय जनता पार्टी में मेयर प्रत्याशी के दावेदारों के पैनल में निवर्तमान मेयर डॉ. जोगेंद्र सिंह रौतेला के अलावा दो अन्य नाम भी शामिल हैं। इनमें एक नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े नेता और दूसरा नाम एक जनप्रतिनिधि के पति का था। इन तीन नामों में किसी एक नाम को फाइनल करना भाजपा हाईकमान के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि निवर्तमान मेयर के नाम पर दो अलग-अलग राय बन रही हैं। पार्टी में मंथन चल रहा है अगर प्रत्याशी को रिपीट किया जाए तो एंटी इनकंबेंसी फैक्टर नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही पार्टी एक नए नेता पर भी मंथन में जुटी हुई है. 



क्या कोई डार्क हॉर्स निकलेगा भाजपा के पिटारे से?
यह भी चर्चा है कि अगर पार्टी हल्द्वानी में नया चेहरा उतारती तो वह जिताऊ साबित होगा या नहीं। यही कारण है कि टिकट फाइनल होने में में समय लग रहा है। पार्टी का यही हाल देहरादून में भी है. हल्द्वानी मेयर सीट को लेकर राजनीतिक पेंच फंसना यह दर्शाता है कि भाजपा के भीतर इस बार चुनावी रणनीति और उम्मीदवार चयन को लेकर असमंजस की स्थिति है। 

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