Mayawati Ashrama - अंग्रेज दम्पति ने बनवाया था आश्रम, 122 साल बाद रात्रि विश्राम करने वाले दूसरे व्यक्ति बनेंगे PM मोदी 
 

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Mayawati Ashram Lohaghat - (योगेश भट्ट) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi Uttarakhand Visit) का जल्द उत्तराखंड दौरा होने जा रहा है, पीएम मोदी का यह दौरा कई मायने में खास होगा। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी (PM Modi) अपने इस दौरे में चम्पावत जिले के लोहाघाट भी जाएंगे, पीएम लोहाघाट के मायावती आश्रम में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के कमरे में रात्रि विश्राम करेंगे, जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री के रहने और भोजन के सभी व्यवस्थाओं की तैयारी पूरी कर ली है, सूत्रों के मुताबिक लिहाजा 11 या 12 अक्तूबर की शाम प्रधानमंत्री मोदी यहां पहुंचेंगे, प्रधानमंत्री मोदी करीब यहां बीस घंटे रुक सकते हैं, वह लोहाघाट के मायावती आश्रम (Mayavati Ashrama Champawat) में स्वामी विवेकानंद के कमरे में रात्रि विश्राम करेंगे, दरअसल यह पहला ऐसा मौका होगा जब 122 साल बाद जब देश का कोई दूसरा व्यक्ति इस कमरे में रात्रि विश्राम करेगा। साल 1901 में स्वामी विवेकानंद मद्रास से यात्रा पर निकले थे, वह तीन जनवरी 1901 को लोहाघाट के अद्वैत आश्रम मायावती पहुंचे। तब विवेकानंद ने यहां 15 दिनों तक रहकर योग, साधना की थी। आश्रम प्रबंधन के मुताबिक, विवेकानंद के योग और साधना के लिए तब दो कमरे आवंटित किए गए थे, इसके बाद से आज तक उनके रात्रि विश्राम वाले कमरे में ठहरने की अनुमति किसी को नहीं दी गई। आश्रम प्रबंधन का कहना है, बतौर प्रधानमंत्री यहां आने वाले PM मोदी पहले व्यक्ति हैं इसलिए उन्हें ये सम्मान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री के संभावित कार्यक्रम को लेकर लोहाघाट में तीन स्थानों पर सोमवार को डेमो हेली लैंडिंग भी हुई थी। 


जानिए कहां है यह आश्रम - 
चम्पावत जिले के लोहाघाट (Mayawati ashram lohaghat Champawat) कस्बे से लगभग 9 किलोमीटर उत्तर - पश्चिम की ओर मायावती नामक स्थान पर स्थित यह आश्रम स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand in Mayawati aashram) की यादों और विचारों का केंद्र बिंदु है. स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन को समझने और उनके बताये हुवे मार्ग के बारे में जानने की तम्मना रखने वालों के लिए मायावती आश्रम एक अदभुत स्थान है. मायावती आश्रम अपनी नैसर्गिक सौन्दर्य और एकांतवास के लिए प्रसिद्द है. बुरांस, देवदार, बांज और चीड के जंगलों के बीच बसा यह आश्रम ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश विदेश के अनेकों शांति और सौन्दर्य प्रेमी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. अप्रैल 2023 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Uttarakhand Pushkar Singh Dhami) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi in Mayawati ashram) से नई दिल्ली में मिलकर यहाँ आने का आग्रह किया है। 

कौन हैं अंग्रेज़ सेवियर दम्पति - 
अद्दवैत आश्रम की स्थापना के बारे में जानने के लिए हमें कुछ वर्ष पीछे जाकर स्वामी विवेकानंद के जीवन वृतांत को समझना होगा. साल 1895 की बात थी स्वामी विवेकानंद इंग्लेंड में थे, इस दौरान इंग्लैंड निवासी जेम्स हेनरी सेवियर (James Henry saviour) अपनी पत्नी सी एलिजाबेथ सेविएर के साथ स्वामी विवेकानद से मिलने आये. जेम्स हेनरी तथा उनकी पत्नी सी एलिजाबेथ हेनरी की अध्यात्म में काफी रूचि थी और वो स्वामी विवेकानंद के दर्शन और व्याख्यान से काफी प्रभावित हुए। 1896 में जब स्वामी जी स्विट्जर्लैंड, जर्मनी और इटली की यात्रा पर गये तो हेनरी दम्पत्ति भी स्वामी विवेकानंद के साथ चल दिए. इसी बीच जब स्वामी विवेकानंद और हेनरी दम्पत्ति ऐल्प्स पर्वत की यात्रा पर थे तब उन्होंने भारत के हिमालयन राज्य में संतो के एकांतवास और वेदांत के अध्यनन के लिए एक आश्रम बनाने की इच्छा व्यक्त की. इसी कार्य को पूरा करने के लिए सेवियर दम्पति ने स्वामी विवेकानद से भारत आने की इच्छा वक्त की। 


स्वामी विवेकानद की आज्ञा पाकर दिसम्बर 1896 को सेवियर दम्पति स्वामी विवेकानंद के साथ भारत के लिए रवाना हो गये। फ़रवरी 1897 में वह मद्रास पहुचे. स्वामी विवेकानंद जी कलकत्ता चले गये और सेवियर दम्पति अल्मोड़ा आ गये. अल्मोड़ा आ कर उन्होंने यहां एक बंगला किराये पर लिया, अल्मोड़ा में वह वर्षों तक ठहरे. इस दौरान उन्होंने आश्रम के लिए उपयुक्त स्थान की खोज जारी रखी और अंततः जुलाई 1898 में लोहाघाट के नजदीक मायावती नामक स्थान जो की उस समय एक चाय बगान था और इसे आश्रम के लिये खरीद लिया. स्वामी स्वरूपानंद की सहायता से अद्वैत आश्रम मायावती 19 मार्च 1899 को बनकर तैयार हो गया. जिसके बाद साल 1901 में स्वामी विवेकानद लोहाघाट के अद्वैत मायावती आश्रम पहुंचे थे यहीं उन्होंने 15 दिनों तक रुककर योग, और साधना की थी। 


जहां मन की शांति और आध्यात्म के लिए लोग एकांतवास जगह चुनते हैं तो वहीं उत्तराखंड में कई ऐसे धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। अगर आप भी अपनी दिनचर्या से थक चुके हैं तो आपको एक बार मायावती आश्रम जरूर आना चाहिए, मायावती अद्वैत आश्रम उत्तराखंड के महत्त्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में शुमार है। जिस तरह साल 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले PM मोदी ने केदारनाथ धाम में गुफा पर ध्यान लगाया था, वह गुफा है,तप के लिए आज भी फुल बुकिंग में रहती है, ठीक उसी तरह अगर PM मोदी मायावती आश्रम आते हैं तो चम्पावत और लोहाघाट को भी विश्व पर्यटन का हब बनने से कोई नहीं रोक सकता!


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