हल्द्वानी - रेलवे प्रकरण पर बोले मतीन सिद्दीक़ी, राज्य और रेलवे न्यायालय की तरह रखें मानवीय दृष्टिकोण, बताया यह आईडिया 

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हल्द्वानी - बनभूलपुरा के बहुचर्चित रेलवे प्रकरण पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, समाजवादी पार्टी के उत्तराखण्ड प्रदेश प्रभारी और हल्द्वानी के बनभूलपुरा बनाम रेलवे प्रकरण मामले में याचिकाकर्ता हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी ने पर अपनी प्रतिकिया दी है, सिद्दीक़ी ने कहा की उच्चतम न्यायालय में हल्द्वानी रेलवे प्रकरण के संबंध में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए रेलवे को चार सप्ताह में एक सर्वे कर शपथ पत्र न्यायालय में दाख़िल किये जाने हेतु आदेशित किया गया है जिसमें कितनी लंबाई व चौड़ाई रेलवे को अपने विस्तार के लिए चाहिए साथ ही इसमें स्पष्ट सभी रेवेन्यू से संबंधित खेत वा खसरा नंबर लिखे गए हों. और इस में प्रभावित जनता को किस तरह से और कहा पुनर्वास किया जायेगा इसका भी पूर्ण विवरण कोर्ट को उपलब्ध कराएं. 

 

याचिकाकर्ता मतीन सिद्दीक़ी का कहना है कि यदि रेलवे गौला नदी की ओर से बनने वाली रिटाइनर वाल को सही से बनवा दे तो फिर कही भी रेलवे को भूमि की जरूरत नही है. सिद्दीक़ी ने कहा कि रेलवे व प्रदेश सरकार को भी उच्चतम न्यायालय की भाँति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए ग़रीब जनता के हित में निर्णय लेने चाहिये मात्र एक रिटर्निग वाल बनने से ही सारी समस्या का हल निकल सकता है. जिसके बनने के बाद ना तो रेलवे स्टेशन को कोई ख़तरा होगा, और ना ही किसी के आशियाने को उजाड़ने की ज़रूरत पड़ेगी.   

 

लिहाजा अब 11 सितंबर 2024 को मामले में अगली सुनवाई के लिए सभी संबंधितों को न्यायालय में उपस्थित रहने के आदेश दिए गए हैं, अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी की याचिका पर सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजलविस, प्रशांत भूषण, अक्षत कुमार, कवलप्रीत कौर, रिया यादव, उमेश कुमार आदि व अन्य याचिकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट सिधार्थ लूथरा, सलमान ख़ुर्शीद सरदार संप्रीत सिंह आदि मौजूद रहे. 
 

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