Lok Sabha Election 2024 - हरीश रावत ने चुनाव को बता दिया चुनौती, जानिए कांग्रेस के लिए पोस्ट कर क्या लिखीं बातें
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Uttarakhand Loksabha Election 2024 - आगामी लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, जहाँ भाजपा ने उत्तराखंड में अपने तीन सीटों में उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। ऐसे में कांग्रेस अभी भी उलझन में फंसी है, पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से मेरी इच्छा है कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य चुनाव लड़ें। उनके न लड़ने की स्थिति में प्रदीप टम्टा एक स्वाभाविक दावेदार हैं। दोनों की जीत के लिए काम करना मेरा धर्म है। उन्होंने कहा 2019 में चुनाव प्रबंधन के अभाव में पार्टी का वोट बैंक घटा है।
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हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, चुनाव में इस बार की चुनौती और कठिन है। इसे लेकर मैंने चुनाव प्रबंधन को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उस पर मैं अब भी कायम हूं। मुझे उसकी याद दिलाने की किसी को भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कांग्रेस पार्टी पांचों लोकसभा संसदीय सीटों पर अच्छा चुनाव लड़ें और जीते। उन्होंने कहा 2019 में पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष की अपने चुनाव में व्यस्तता और नेता प्रतिपक्ष की शारीरिक असमर्थता के कारण चुनाव प्रबंधन अच्छा नहीं हो पाया था। मैं भी अपने चुनाव में फंसा रह गया। प्रबंधन के अभाव में पार्टी का वोट बैंक बहुत घट गया।
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मेरा एक मासूम सा कथन राजनीतिक प्रतिक्रिया और मीडिया की टिप्पणी का कारक बन गया है। आज का लोकसभा चुनाव..https://t.co/j9NvgGYpuI..प्रस्तुत करना होता है।@INCIndia @kharge @RahulGandhi @priyankagandhi @INCUttarakhand @Kumari_Selja @KaranMahara_INC @IamYashpalArya @PradeepTamta15 pic.twitter.com/lVdgW4Esyc
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) March 4, 2024
पार्टी का वोट बैंक बहुत घट गया -
इसके लिए काम करने को हम प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में प्रतिबद्ध हैं। लोकसभा चुनाव अत्यधिक कठिन और असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है। 2012 के उपचुनाव में मैंने चुनाव प्रबंधन का काम संभाला था। 2014 के लोकसभा चुनाव में हमको राज्य और केंद्र की सत्तारोधी रुझान का सामना करना पड़ा था। उसके बावजूद भी चुनाव प्रबंधन के चलते टक्कर अच्छी हुई थी।
मेरे योगदान पर संदेह करने का अधिकार नहीं -
किसी को भी मेरे योगदान पर संदेह करने का अधिकार नहीं है और मैं हमेशा सकारात्मक रहा हूं। बढ़ती उम्र के साथ क्षमता सीमित होती जाती है और पार्टी को चाहिए कि मेरी उपयोगिता व क्षमता का आकलन कर ही मुझसे अपेक्षा करें। वैसी भी क्रिकेट की भाषा में कोच और कप्तान को ही फ्रंट से नेतृत्व कर उदाहरण पेश करना होता है।