हल्द्वानी-गलवान घाटी में झड़प में घायल उत्तराखंड का लाल शहीद, सैन्य सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार

हल्द्वानी-गलवान घाटी में झड़प के दौरान घायल हुए उत्तराखंड का जवान हवलदार बिशन सिंह शहीद हो गये। शहीद ने इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। शहीद का पार्थिव शरीर आज उनके घर पहुंच गया है। शहीद बिशन सिंह का पार्थिव शरीर देर रात करीब 1.30 बजे कमलुवागांजा स्थित उनके भाई जगत सिंह के आवास पर
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हल्द्वानी-गलवान घाटी में झड़प में घायल उत्तराखंड का लाल शहीद, सैन्य सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार

हल्द्वानी-गलवान घाटी में झड़प के दौरान घायल हुए उत्तराखंड का जवान हवलदार बिशन सिंह शहीद हो गये। शहीद ने इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। शहीद का पार्थिव शरीर आज उनके घर पहुंच गया है। शहीद बिशन सिंह का पार्थिव शरीर देर रात करीब 1.30 बजे कमलुवागांजा स्थित उनके भाई जगत सिंह के आवास पर पहुंचाया गया। पार्थिव शरीर पहुंचते हुए घर में कोहराम मच गया। शहीद का आज रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

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बता दें कि 43 वर्षीय शहीद बिशन सिंह मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में बंगापानी के रहने वाले थे। शहीद बिशन सिंह गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ  हुई झड़प में घायल हुए थे। सात-आठ दिन तक एमएच लेह में उनका इलाज चला था। इसके बाद वे दोबारा ड्यूटी पर चले गए थे। दोबारा गलवां घाटी पहुंचने के बाद उनकी हालत फिर बिगड़ गई। जिसके बाद इलाज के लिए चंडीगढ़ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज के दौरान जवान की जान चली गई।

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शहीद बिशन सिंह 31 अगस्त 2020 को सेवानिवृत्त होने वाले थे। शहीद बिशन सिंह अपने पीछे पत्नी सती देवी 40 वर्ष, पुत्र मनोज 19 वर्ष और पुत्री मनीषा 16 वर्ष को छोड़ गए हैं। आज यहां रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में सैन्य सम्मान के साथ शहीद बिशन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया।