उत्तराखण्ड के युवा पिस्टल शूटर कल्पेश उपाध्याय ने राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप में नेशनल किया क्वालिफाई, CM ने दी बधाई 

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उत्तराखण्ड के युवा पिस्टल शूटर कल्पेश उपाध्याय ने राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप में नेशनल किया क्वालिफाई, CM ने दी बधाई 

नई दिल्ली/बागेश्वर - उत्तराखण्ड के 15 वर्षीय युवा पिस्टल शूटर कल्पेश उपाध्याय ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया है। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा दिल्ली में आयोजित 68वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप के 11वें दिन कल्पेश ने 25 मीटर .22 पिस्टल प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 600 में से 534 अंक हासिल कर नेशनल क्वालिफाई किया। यह 25 मीटर .22 पिस्टल स्पर्धा में कल्पेश का पहला ही प्रयास था, जिसे उन्होंने उत्कृष्ट अंकों के साथ सफलतापूर्वक क्वालिफाई किया। इससे पूर्व वे वर्ष 2024 में 10 मीटर पिस्टल शूटिंग में भी नेशनल क्वालिफाई कर चुके हैं।

स्पोर्ट्स पिस्टल .22 एक ओलंपिक कैटेगरी का खेल है, जिसे दो चरणों में खेला जाता है। पहले चरण में 300 अंकों का प्रीसिजन राउंड और दूसरे चरण में 300 अंकों का रैपिड स्टेज होता है। कल्पेश ने प्रीसिजन में 256/300 और रैपिड स्टेज में 278/300 अंक प्राप्त करते हुए कुल 534 अंक हासिल किए। उल्लेखनीय है कि यूथ कैटेगरी में नेशनल क्वालिफाई के लिए 515 अंक आवश्यक होते हैं।

बागेश्वर निवासी कल्पेश उपाध्याय, उत्तराखण्ड सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भूपेश उपाध्याय के पुत्र हैं। वे मात्र 9 वर्ष की आयु से पिस्टल शूटिंग का अभ्यास कर रहे हैं। वर्तमान में वे होम स्कूलिंग के साथ पूर्णकालिक शूटिंग अभ्यास करते हुए ओलंपिक की तैयारी में जुटे हैं। नेशनल क्वालिफाई करने के बाद अब कल्पेश को विदेश से .22 पिस्टल और अभ्यास हेतु गोलियां सरकारी दर पर टैक्स फ्री आयात करने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनके प्रशिक्षण को और मजबूती मिलेगी।

कल्पेश की प्रतिभा को देखते हुए उनके पिता द्वारा देहरादून स्थित आवास पर विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज स्थापित की गई है, जहां भारतीय खिलाड़ी एवं पूर्व बीएसएफ कोच अभिषेक दास के मार्गदर्शन में कल्पेश रोजाना 12 से 15 घंटे कठिन अभ्यास कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश की खेल मंत्री रेखा आर्या ने कल्पेश उपाध्याय को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कल्पेश इसी तरह निरंतर मेहनत करते रहे, तो आने वाले वर्षों में वे ओलंपिक में भारत और उत्तराखण्ड का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेंगे।

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