उत्तराखंड - एसडीओ साहब! संभल जाओ – खनन माफिया की धमकी से हड़कंप, घर पर पथराव और धमकी भरा पत्र फेंका

रामनगर, उत्तराखंड – खनन माफिया के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि अब सरकारी अफसरों के घरों तक हमला करने से भी नहीं डर रहे। मंगलवार रात रामनगर में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के एसडीओ मनीष जोशी के आवास पर अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया। पथराव के साथ एक धमकी भरा पत्र भी फेंका गया, जिसमें लिखा था – "हम हवा में गोली नहीं चलाते, संभल जाओ एसडीओ साहब!"

यह घटना उस वक़्त सामने आई जब कुछ ही घंटे पहले एसडीओ जोशी ने कोसी नदी में अवैध खनन की सूचना पर खड़ंजा गेट पर छापेमारी की थी। जहां खनन माफिया ने उन्हें घेर लिया, धक्का-मुक्की की और जान से मारने की धमकी दी। स्थिति बिगड़ने पर वन विभाग की टीम को हवाई फायरिंग कर खुद को बचाना पड़ा। इसके बाद एसडीओ की शिकायत पर खड़ंजा खनन गेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया – और शायद यही बात माफिया के गले नहीं उतरी।

मंगलवार रात लगभग साढ़े दस बजे एसडीओ के सरकारी आवास पर हमलावरों ने धावा बोल दिया। परिसर में खड़ी सरकारी बोलेरो के शीशे तोड़ दिए गए और एक पत्र फेंका गया जिसमें लिखा था - "तुम हवा में गोली चलाने को मजबूर हो, हम नहीं। ज्यादा दबंगई ठीक नहीं है। देहरादून से देख रहे हैं। अब पानी सर से ऊपर जा रहा है। जंगल में कभी कुछ हो गया तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। यह बात अपने तक रखो तो बेहतर होगा।"
रात में ही पुलिस को सूचना दी गई और बुधवार सुबह एसडीओ मनीष जोशी, जसपुर एसडीओ संदीप गिरी के साथ कोतवाली पहुंचे। कोतवाल अरुण कुमार सैनी से मुलाकात की और सुरक्षा की मांग की। फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
इधर खनन से जुड़े कुछ वाहन चालकों और कारोबारियों ने भी एसडीओ के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है, जिससे मामला और पेचीदा हो गया है। इस हमले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – जब जंगल और कानून की रक्षा करने वाले अफसर ही सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?