उत्तराखंड - पंतनगर विवि में पीएचडी छात्र को पड़ा दिल का दौरा हुई मौत, पेसमेकर था लगा हुआ

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पंतनगर (उत्तराखंड) - उत्तराखंड के पंतनगर विश्वविद्यालय में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय में पीएचडी द्वितीय वर्ष के छात्र हर्षित जानी (30) की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। हर्षित, जो राजस्थान का निवासी था, चितरंजन भवन-2 (छात्रावास) के कमरे नंबर- 27 में रह रहा था।

विश्वविद्यालय चिकित्सालय के डॉ. विजय विश्वास के अनुसार, हर्षित जानी को पहले से पेसमेकर लगाया हुआ था। उनकी मौत के कारणों के बारे में अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि पेसमेकर में किसी तकनीकी खराबी के चलते यह दुर्घटना हुई हो सकती है।

जब छात्र को विश्वविद्यालय चिकित्सालय लाया गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद, मौत की पुष्टि के लिए उसे जिला अस्पताल रुद्रपुर रेफर किया गया है। यह घटना पंतनगर विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षक समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।

क्या होता है पेसमेकर - 
पेसमेकर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो दिल की धड़कन को नियमित करने के लिए शरीर में इम्प्लांट किया जाता है। इसका मुख्य काम दिल की धड़कन को नियंत्रित करना होता है, खासकर जब दिल की धड़कन बहुत धीमी, अनियमित या रुकने लगे।

पेसमेकर में एक छोटा बैटरी पैक और एक या दो इलेक्ट्रोड होते हैं, जो दिल की धड़कन पर नजर रखते हैं और जरूरत पड़ने पर इलेक्ट्रिक शॉक के जरिए उसे नियमित करते हैं। जब दिल की धड़कन बहुत धीमी होती है या पूरी तरह रुक जाती है, तो पेसमेकर उसे स्वचालित रूप से सामान्य गति पर वापस लाता है।

पेसमेकर का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है, जिन्हें दिल की धड़कन के साथ कोई समस्या हो, जैसे कि धीमी धड़कन (ब्रेडीकार्डिया) या दिल का रुकना। यह उपकरण बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी होता है और अधिकांश मामलों में मरीज को सामान्य जीवन जीने में मदद करता है।

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