उत्तराखंड - काशीपुर मंडी घूसकांड, विजिलेंस गिरफ्तारी के बाद मंडी सचिव और सहायक निलंबित, जांच कमेटी गठित
काशीपुर - फड़ का लाइसेंस बनाने के एवज में एक लाख बीस हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार किए गए मंडी सचिव और वरिष्ठ सहायक को मंडी प्रबंधन ने निलंबित कर दिया है। मंडी प्रबंध निदेशक हेमंत कुमार वर्मा ने दोनों कर्मचारियों को सस्पेंड करते हुए मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
हेमंत कुमार वर्मा ने बताया कि 22 जुलाई को हल्द्वानी विजिलेंस टीम द्वारा काशीपुर मंडी के प्रभारी सचिव और वरिष्ठ सहायक को रिश्वत लेते हुए हल्द्वानी विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया था। हल्द्वानी विजिलेंस टीम को सर्वरखेड़ा निवासी दो आढ़तियों ने शिकायत दी थी कि काशीपुर मंडी में प्रभारी सचिव द्वारा फड़ लाइसेंस के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही है। जांच में शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद विजिलेंस की ट्रैप टीम ने मंडी सचिव को एक लाख बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
पूछताछ और प्राथमिक जांच में मंडी के वरिष्ठ सहायक की भी संलिप्तता सामने आई, जिसे बाद में गिरफ्तार किया गया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है।
मंडी निदेशक हेमंत वर्मा ने बताया कि विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विजिलेंस लगातार कार्रवाई कर रही है।
