हल्द्वानी - अंगदान-देहदान को जनआंदोलन बनाने की जरूरत, 15 अगस्त, 26 जनवरी और राज्य स्थापना दिवस पर हो सम्मान - डॉ. संतोष मिश्र

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हल्द्वानी - अंगदान-देहदान को जनआंदोलन बनाने की जरूरत, 15 अगस्त, 26 जनवरी और राज्य स्थापना दिवस पर हो सम्मान - डॉ. संतोष मिश्र

हल्द्वानी - एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी के पूर्व प्राध्यापक और समाजसेवी डॉ. संतोष मिश्र ने राज्य सरकार से मांग की है कि अंगदान और देहदान करने वाले महादानियों को 15 अगस्त, 26 जनवरी और राज्य स्थापना दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर राजकीय सम्मान से नवाजा जाए और उनका गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों ने अंगदाताओं को सार्वजनिक सम्मान देने की पहल की है, वहां अंगदान में गुणात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।

डॉ. मिश्र स्वयं व अपने परिवार सहित देहदान और अंगदान का संकल्प ले चुके हैं और वर्षों से समाज में रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान और देहदान के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं।

भारत तीसरे स्थान पर, लेकिन दर अब भी कम
राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) की 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार भारत अंग प्रत्यारोपण में दुनिया में तीसरे स्थान पर है, जबकि जीवित दाता प्रत्यारोपण में पहले स्थान पर। फिर भी, भारत में अंगदान दर प्रति मिलियन जनसंख्या पर 1 से भी कम है, जो कि स्पेन जैसे देश में प्रति दस लाख पर 48 है।
2024 में जनवरी से दिसंबर के बीच 18,911 अंग प्रत्यारोपण की सूचना NOTTO को मिली है, जो 2013 में 4990 की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।

तमिलनाडु सबसे आगे- 
मृतक दाताओं की राज्यवार सूची में तमिलनाडु (268) सबसे ऊपर है। इसके बाद तेलंगाना (188), महाराष्ट्र (172), कर्नाटक (162) और गुजरात (119) हैं।
NOTTO की 10 सूत्रीय एडवाइजरी
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन NOTTO ने सभी राज्यों को 10 सूत्रीय परामर्श जारी किए हैं ताकि "अंगदान जीवन संजीवनी अभियान" को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके:
दिवंगत अंग दाताओं को सम्मान व गरिमामय अंतिम संस्कार।
अंगदाताओं के परिवारों को 15 अगस्त, 26 जनवरी आदि अवसरों पर सार्वजनिक सम्मान।
प्रतीक्षा सूची में महिलाओं को प्राथमिकता।
दाताओं के परिजनों को अंग जरूरत पड़ने पर प्राथमिकता।
ट्रॉमा सेंटरों व मेडिकल कॉलेजों को अंग प्राप्ति केंद्र के रूप में विकसित करना।
एम्बुलेंस और आपातकालीन कर्मियों को संभावित दाताओं की पहचान हेतु प्रशिक्षण।
जन-जागरूकता हेतु राज्य स्तर पर ब्रांड एम्बेसडर की नियुक्ति।
आयुर्वेद व योग आधारित स्वस्थ अंग जीवनशैली को बढ़ावा।
दाता-प्राप्तकर्ता डेटा का राष्ट्रीय रजिस्ट्री में रिकॉर्ड।
अंग प्रत्यारोपण समन्वयकों के स्थायी पद सृजन।
डॉ. संतोष मिश्र ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वे NOTTO के परामर्शों को लागू करते हुए उत्तराखंड को अंगदान और देहदान के मॉडल राज्य के रूप में विकसित करें।
अधिक जानकारी और पंजीकरण हेतु:
🌐 www.notto.mohfw.gov.in

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