हल्द्वानी - महिला के घर में घुसे आरोपियों को दस-दस साल की कैद, दो महिलाओं की हत्या और एक को किया था लहूलुहान

हल्द्वानी - नैनीताल जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की अदालत ने आरके टेंट हाउस, थाना मुखानी में एक महिला के घर में घुसकर जानलेवा हमला करने के मामले में तीनों आरोपियों चंद्र बल्लभ जोशी, परवेज सिंह और पवन खोलिया को 10-10 वर्ष का कठोर कारावास और 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड देने की सजा सुनाई है। अर्थदंड न भरने पर उन्हें दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ आठ गवाह पेश किए थे, जिनके आधार पर आरोप साबित हुए।

घटना का विवरण -
हल्द्वानी के आरके टेंट हाउस रोड, तुलसी विहार निवासी मोहन सिंह रौतेला ने थाना मुखानी में यह मामला दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई 2018 को दोपहर 12 बजे उन्होंने अपनी पत्नी अनीता को कई बार फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद वह घर पहुंचे, जहां दरवाजा भीतर से बंद था। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब पत्नी ने दरवाजा नहीं खोला, तो वह किसी तरह अंदर घुसे। वहां उनकी पत्नी लहूलुहान हालत में पड़ी थी और उसके सिर से खून बह रहा था। मोहन सिंह ने 108 सेवा के माध्यम से पत्नी को सेंट्रल अस्पताल भर्ती कराया।

पुलिस की जांच -
इसी दौरान थाना मुखानी क्षेत्र में दो अन्य महिलाओं की हत्या हुई थी। तीनों मामलों की जांच के लिए अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गईं। पुलिस ने 12 जुलाई को आरोपियों चंद्र बल्लभ जोशी (भटौली, बागेश्वर निवासी), परवेज सिंह (अमरोहा, यूपी निवासी) और पवन कुमार खोलिया (सरस्वती विहार, मुखानी निवासी) को जेवरों के साथ गिरफ्तार किया। आरोपियों से हमले में प्रयुक्त हथौड़ा भी बरामद किया गया।
अदालत का फैसला -
अभियोजन पक्ष ने आठ गवाहों और आरोपियों की घटनास्थल के आसपास मौजूदगी के आधार पर आरोप साबित किए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाई। जिला जज ने यह भी आदेश दिया कि अर्थदंड की धनराशि वसूल होने पर उसमें से 50 हजार रुपये पीड़िता अनीता को दिए जाएं। साथ ही, न्यायालय ने जिला सेवा विधिक प्राधिकरण को निर्देश दिए कि वह अनीता को उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता योजना-2013 के तहत क्षतिपूर्ति दिलाए।
पीड़िता का बयान -
पीड़िता अनीता रौतेला ने बताया कि तुलसी विहार में उन्होंने दो वर्ष पहले मकान बनाया था, जिसमें काफी कर्ज हो गया था। इस वजह से उन्होंने मकान बेचने का बोर्ड लगाया था। परवेज सिंह, पवन खोलिया और चंद्र बल्लभ जोशी मकान खरीदने के बहाने अक्सर उनके घर आते थे। घटना के दिन सुबह करीब 11:30 बजे तीनों उनके घर आए थे। यह मामला महिला सुरक्षा और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मिसाल बन गया है। न्यायालय के फैसले से पीड़िता को न्याय मिला है और समाज में यह संदेश गया है कि ऐसे गंभीर अपराधों के लिए कठोर सजा दी जाएगी।