हल्द्वानी - प्रमुख उद्योगपति रहे रमेश पाल का उद्योगों को लेकर ऐसा था रुतबा, आज भी उनके साथी लीडरशिप के हैं कायल 

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हल्द्वानी - "कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊँगा, मैं तो दरिया हूँ समुंदर में उतर जाऊँगा", मशहूर शायर "अहमद नदीम क़ासमी" का यह शेर हर उस शख्स के लिए फिट है जो अपने जीवन में समाज की भलाई के लिए कोई बड़ा काम कर अलग रूतबा बना गए हों. लिहाजा मनुष्य जीवन मिलना भाग्य की ही बात है, और मृत्यु होना समय की, मृत्यु के बाद भी लोगों के दिलों में हमेशा - हमेशा के लिए जीवित रहना ये कर्मों की ही बात है। 


यह तो सच है की एक न एक दिन हर इंसान को मौत जरूर आती ही है, लेकिन उसने अपने जीवन में समाज के लिए क्या प्रेणादायक काम किये यह हमेशा के लिए मिशाल बन जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही दिग्वत आत्मा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने जीते जी कई दशकों में कॉर्पोरेट के क्षेत्र को एक नई दिशा देकर नाम कमाया, हम बात कर रहे हैं, प्रमुख उद्योगपति और बृजलाल हॉस्पिटल के चेयरमैन रहे स्वर्गीय रमेश पाल की, जिनका बीते पांच नवम्बर 2023 को 74 साल की उम्र में हार्ट अटैक (Brijlal Hospital Chairman Ramesh Pal dies of heart attack) से निधन हो गया। लेकिन रमेश पाल के संघर्षों को आज भी उनके साथी सलाम करते हैं. 

फोटो -  प्रमुख उद्योगपति और बृजलाल हॉस्पिटल के चेयरमैन रहे स्वर्गीय रमेश पाल -
 


हिमालय चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स के पूर्व उपाध्यक्ष भूमेश अग्रवाल ने बताया कि रमेश पाल के अंदर हमेशा ही टीम भावना की सोच रही थी। वह कभी भी अपने व्यावसायिक प्रतिद्वंदियों को प्रतिस्पर्धा की भावना से नहीं देखते थे, उनका एक ही सपना था कि सबको साथ लेकर इस समान कारोबार व्यावसायिक इंडस्ट्री को कैसे आगे बढ़ाया जाए, भूमेश अग्रवाल बताते हैं कि वह कभी भी गलाकाट प्रतियोगिता में शामिल नहीं रहे। उन्होंने बताया की रमेश पाल ने उद्योग, ट्रांसपोर्ट, स्टील उद्योग के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अतुलनीय कार्य किए। वह कुमाऊं में उच्च फैसिलिटी की स्वास्थ्य सेवाएं देना चाहते थे, जिसके लिए लोगों को बरेली और दिल्ली के चक्कर न काटने पड़े, इसी सोच के साथ उन्होंने हल्द्वानी में मल्टी स्पेस्लिस्ट बृजलाल अस्पताल की स्थापना की थी।

 

कुमाऊँ स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के पूर्व सचिव बी. आर. शर्मा बताते हैं की रमेश पाल ने वन विभाग में डबल ट्रांज़िट की लड़ाईयां लड़ी, व्यापार क़र मे वेट की दरों की असमानता को हल करने के लिए उन्होंने काम किये, इसके साथ ही वह सरकार से इंडस्ट्री की भलाई में बेहतर सामजस्य बिठाने के लिए लगातार काम करते रहे। 


एलएससी (LSC) स्टोन क्रेशर लालकुआं के अभिषेक अग्रवाल ने बताया रमेश पाल ने अध्यक्ष बनने के बाद क्रेशर उद्योग, ट्रांसपोर्ट उद्योग, सोप, स्टोन, स्टील उद्योग को नई दिशा दी, उनका हमेशा उद्योगों को लेकर सकारात्मक रवैया रहता था, वह उद्योगों की नीतियों के लिए सरकारों से भिड़ जाते थे, जिसके कारण कई बार सरकारों को अपनी नीतियों तक में बदलाव भी करना पड़ता था। 

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