नैनीताल - जानिए कौन हैं कुमाऊं यूनिवर्सिटी के नए कुलपति, DU की तरह तरह दिलाना चाहते हैं पहचान 
 

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नैनीताल - कुमाऊं विश्वविद्यालय को अब नए कुलपति मिल चुके हैं। प्रोफेसर दीवान सिंह रावत को विवि के कुलाधिपति एवं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने उन्हें  कुलपति पद पर नियुक्त किया है। उनके नाम अनेक उपलब्धियां हैं लेकिन इसके साथ ही दो अनोखे रिकॉर्ड भी उनके नाम हैं। जुलाई 2003 में प्रो. रावत ने रीडर के रूप में दिल्ली विवि में कार्यभार संभाला था। मार्च 2010 में पदोन्नत होने पर वे दिल्ली विवि के यंगेस्ट प्रोफेसर थे। अब 53 वर्ष की उम्र में प्रो. रावत अब तक सबसे कम उम्र में कुमाऊं विवि के कुलपति नियुक्त हुए हैं। पूर्व में प्रो. रावत ने 1993 में डीएसबी परिसर कुमाऊं विवि से ही केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर में विवि में प्रथम स्थान हासिल किया था जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया था।

 

प्रो. रावत के पिता जीत सिंह रावत वन विभाग में कार्यरत थे। प्रो. रावत के एक भाई सेना में कार्यरत हैं जबकि उनके जुड़वा भाई का पूर्व में निधन हो गया था। प्रो. रावत ने एक वार्ता में कहा कि उनकी प्राथमिकता कुमाऊं विवि की परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार और इसके डिजिटाइजेशन की होगी। बतौर डीन परीक्षा वे दिल्ली विवि में भी पूर्ण डिजिटाइजेशन कर चुके हैं। इस सुधार के बाद दिल्ली विवि के 97वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में 1.78 लाख डिग्रियां डिजिटल जारी की गईं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था। प्रो. रावत ने बताया कि दिल्ली विवि में सर्वाधिक पीएचडी की जाती हैं और डिजिटाइजेशन से क्वालिटी में सुधार सहित निस्तारण प्रक्रिया में तेजी भी आई है। प्रो. रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र की आवश्यकताओं और विशेषताओं के अनुरूप नए पाठ्यक्रम शुरू करना और विद्यार्थियों सहित कर्मचारियों और अध्यापकों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण, विवि के भवनों का जीर्णोद्धार और सभी विभागों का डिजिटाइज उनकी प्राथमिकता रहेगा। प्रो. रावत ने कहा कि हाईस्कूल से एमएससी तक की शिक्षा नैनीताल में होने के कारण उन्हें यहां से विशेष लगाव है और वह विवि के विकास और आधुनिकीकरण के लिए भरसक प्रयास करेंगे।

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