लालकुआं - सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल को आईटीसी लिमिटेड ने इतने हजार करोड़ रुपये ख़रीदा, जानिए मिल का इतिहास 
 

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लालकुआं - भारत की प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी आईटीसी लिमिटेड ने एशिया की सबसे बड़ी पेपर मिलों में शामिल सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल (लालकुआं) को 3,498 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। यह सौदा आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड (एबीआरईएल) के साथ हुआ है, जिसके बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है।  

सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल का इतिहास और महत्व - 
- सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल की स्थापना 1984 में हुई थी।  
- इसकी स्थापना में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।  
- मिल 200 एकड़ (0.81 वर्ग किमी) में फैली हुई है, जिसमें उत्पादन इकाइयाँ, प्रशासनिक भवन और कर्मचारी आवास शामिल हैं।  
- यहाँ गन्ने की खोई (बगास), गेहूं का भूसा, पापलर, यूकेलिप्टस और अन्य कृषि अवशेषों से कागज बनाया जाता है।  

उत्पादन क्षमता और बाजार -   
- मिल में 7 प्लांट चल रहे हैं, जो कागज, टिश्यू, बोर्ड और पल्प का उत्पादन करते हैं।  
- इसकी दैनिक उत्पादन क्षमता 1,400 मीट्रिक टन है।  
- सेंचुरी के उत्पादों की देश-विदेश में भारी मांग है, जिससे यह भारत की प्रमुख पेपर मिलों में से एक है।  

भविष्य की योजनाएँ और स्थानीय अपेक्षाएँ - 
- आईटीसी के अधिग्रहण के बाद मिल का नाम और संचालन प्रक्रिया बदल सकता है।  
- स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि आईटीसी युवाओं और बेरोजगारों को रोजगार देगी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी।  
- इस मिल में काम कर रहे लोगों के भविष्य को लेकर भी क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।  
- हालांकि, अभी तक मिल प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।  

इस सौदे के बाद आईटीसी का पेपर और पैकेजिंग बिजनेस और मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि सेंचुरी मिल को आधुनिक तकनीक और निवेश का लाभ मिलने की उम्मीद है।
 

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