हल्द्वानी - मनरेगा का नाम बदलना महात्मा गांधी का अपमान, विधायक सुमित हृदयेश ने भाजपा को दी खुली बहस की चुनौती
हल्द्वानी - हल्द्वानी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा का नाम बदलकर “विकसित भारत – जी राम जी” किया जाना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है।
सुमित हृदयेश ने सवाल उठाया कि देश की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक जनकल्याणकारी योजना मनरेगा का नाम बदलने की आखिर जरूरत क्यों पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने गरीबों को मिलने वाले 100 दिन के रोजगार को घटाकर 60 दिन कर दिया है, जिससे ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी और आर्थिक संकट और गहराएगा।
उन्होंने कहा कि पहले मनरेगा में 90 प्रतिशत अंशदान केंद्र सरकार और 10 प्रतिशत राज्य सरकार का होता था, लेकिन अब इसे बदलकर 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य कर दिया गया है। इससे राज्य सरकारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा और योजनाओं के क्रियान्वयन पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
प्रेस वार्ता के दौरान सुमित हृदयेश ने भारतीय जनता पार्टी को खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा अपने 50 प्रवक्ताओं और विशेषज्ञों के साथ आए, कांग्रेस मनरेगा समेत अन्य जनहित के मुद्दों पर खुले मंच पर बहस के लिए पूरी तरह तैयार है।
इसके साथ ही उन्होंने हल्द्वानी प्रशासन पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बजट खपाने के उद्देश्य से शहर में अनावश्यक रूप से लाल निशान लगाए जा रहे हैं, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से जनहित को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने की मांग की।
